कहते हैं कि शिरडी के साईं बाबा (Shirdi Sai Baba) की जो भी मन से पूजा करता है या फिर उन्हें केवल याद करता है, वह उनकी झोली खुशियों से भर देते हैं. गुरुवार (Thursday) का दिन साईं बाबा को समर्पित है और अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए लोग इस दिन व्रत (Fast) रखते हैं. साईं बाबा की हर कोई पूजा कर सकता है, चाहे वह किसी भी जाति (Caste) या धर्म (Religion) से क्यों न हो, वह हर किसी की मनोकामना पूरी करते हैं. शिरडी के साईं बाबा एक चमत्कारिक संत हैं. कहते हैं कि उनकी समाधि पर जो भी गया झोली भरकर ही लौटा है. क्या आपको पता है कि साईं बाबा का दशहरे या विजयादशमी से एक कनेक्शन जुड़ा है. आइए आपको बताते हैं इस बारे में तीन खास बातें.
तात्या की मौत
कहते हैं कि दशहरे के कुछ दिन पहले ही साईं बाबा ने अपने एक भक्त रामचन्द्र पाटिल को विजयादशमी पर 'तात्या' की मौत की बात कही थी. तात्या बैजाबाई के पुत्र थे और बैजाबाई साईं बाबा की परम भक्त थीं. तात्या, साईं बाबा को 'मामा' कहकर संबोधित करते थे, इसी तरह साईं बाबा ने तात्या को जीवनदान देने का निर्णय लिया था.
इसे भी पढ़ेंः गुरुवार को ऐसे करें शिरडी वाले साईं बाबा की पूजा, जरूर पढ़ें ये आरती
रामविजय प्रकरण
जब साईं बाबा को लगा कि अब जाने का समय आ गया है, तब उन्होंने श्री वझे को 'रामविजय प्रकरण' (श्री रामविजय कथासार) सुनाने की आज्ञा दी थी. श्री वझे ने एक सप्ताह प्रतिदिन पाठ सुनाया. तत्पश्चात ही बाबा ने उन्हें आठों प्रहर पाठ करने की आज्ञा दी. श्री वझे ने उस अध्याय की द्घितीय आवृत्ति 3 दिन में पूर्ण कर दी और इस प्रकार 11 दिन बीत गए. फिर 3 दिन और उन्होंने पाठ किया. अब श्री वझे बिल्कुल थक गए थे इसलिए उन्हें विश्राम करने की आज्ञा मांगी. बाबा अब बिल्कुल शांत बैठ गए और आत्मस्थित होकर वह अंतिम क्षण की प्रतीक्षा करने लगे.
इसे भी पढ़ेंः आपका जीवन बदल देंगे शिरडी के साईं बाबा के ये 10 अनमोल विचार
साईं बाबा ने ली समाधि
साईं बाबा ने शिर्डी में 15 अक्टूबर 2020 यानि दशहरे के दिन 1918 में समाधि ले ली थी. 27 सितंबर 1918 को साईं बाबा के शरीर का तापमान बढ़ने लगा था. उन्होंने अन्न-जल सब कुछ त्याग दिया था. बाबा के समाधिस्त होने के कुछ दिन पहले तात्या की तबीयत इतनी बिगड़ी कि जिंदा रहना मुमकिन नहीं लग रहा था लेकिन उसकी जगह साईं बाबा 15 अक्टूबर, 1918 को अपने नश्वर शरीर का त्याग कर ब्रह्मलीन हो गए. उस दिन विजयादशमी (दशहरा) का दिन था.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)undefined
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Religion, Shirdi sai baba
FIRST PUBLISHED : October 15, 2020, 07:34 IST