Surya Grahan 2020: जानें कब है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, कहां-कहां दिखाई देगा ये ग्रहण

ग्रहण के दौरान सूतक काल लग जाता है. इस समय शोर मचाना, खाना-पीना और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है.
14 दिसंबर 2020 को होने वाला साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Last Solar Eclipse of 2020) साउथ अफ्रीका, साउथ अमेरिका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.
- News18Hindi
- Last Updated: December 3, 2020, 9:57 AM IST
Solar Eclipse 2020: साल 2020 के दिसंबर महीने में आखिरी सूर्य ग्रहण (Last Solar Eclipse of 2020) होगा. आपको बता दें कि 14 दिसंबर 2020 को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Last Solar Eclipse of 2020) पड़ेगा. ये सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को शाम 07 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगा. फिर 14 दिसंबर और 15 दिसंबर की मध्यरात्रि 12:23 बजे खत्म हो जाएगा. ये सूर्य ग्रहण लगभग 5 घंटे तक चलेगा.
जून में हुआ था इस साल का पहला सूर्य ग्रहण
साल 2020 के जून महीने में पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) हुआ था. ये सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 21 जून 2020 को पड़ा था. साल 2020 में कुल 6 ग्रहण हुए. इसमें 2 सूर्य ग्रहण और 4 चंद्र ग्रहण शामिल हैं. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हमारी राशियों पर प्रभाव डालते हैं. जिसकी वजह से हमारे जीवन में बदलाव होते हैं.
इसे भी पढ़ेंः घर पर भूलकर भी न रखें संकटमोचन हनुमान जी की ऐसी तस्वीर, जानें कैसे दूर करें संकटआखिरी सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखेगा
14 दिसंबर 2020 को होने वाला साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Last Solar Eclipse of 2020) साउथ अफ्रीका, साउथ अमेरिका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. हालांकि भारत में ये सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा. इस सूर्य ग्रहण के भारत में नहीं दिखने की वजह से सूतक काल भी नहीं लगेगा. बाकी आम दिनों के जैसा ही सूर्य ग्रहण का दिन भी होगा.
सूर्य ग्रहण के समय इन बातों का रखें ध्यान
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान सूतक काल लग जाता है. इस समय शोर मचाना, खाना-पीना और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. सूतक काल में गर्भवती महिलाओं का घर से बाहर निकलना वर्जित होता है क्योंकि सूतक काल में नेगेटिव एनर्जी मजबूत होती है. दरअसल इस निगेटिव एनर्जी का प्रभाव गर्भवती महिला या उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ सकता है. ग्रहण लगने से पहले ही खाने में तुलसी के पत्ते रखने की मान्यता भी हिंदू धर्म में है.
इसे भी पढ़ेंः क्यों करना चाहिए सुंदरकांड का पाठ, जानें इसका सही तरीका और महत्व
क्या होता है सूतक काल
आपको बता दें कि सूतक का मतलब खराब समय से है, सूतक काल के दौरान प्रकृति अपेक्षाकृत ज्यादा संवेदनशील हो जाती है. सूतक काल के दौरान किसी अप्रिय घटना के होने की संभावना ज्यादा रहती है, इसीलिए कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान सावधान रहें.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
जून में हुआ था इस साल का पहला सूर्य ग्रहण
साल 2020 के जून महीने में पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) हुआ था. ये सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 21 जून 2020 को पड़ा था. साल 2020 में कुल 6 ग्रहण हुए. इसमें 2 सूर्य ग्रहण और 4 चंद्र ग्रहण शामिल हैं. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हमारी राशियों पर प्रभाव डालते हैं. जिसकी वजह से हमारे जीवन में बदलाव होते हैं.
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14 दिसंबर 2020 को होने वाला साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Last Solar Eclipse of 2020) साउथ अफ्रीका, साउथ अमेरिका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. हालांकि भारत में ये सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा. इस सूर्य ग्रहण के भारत में नहीं दिखने की वजह से सूतक काल भी नहीं लगेगा. बाकी आम दिनों के जैसा ही सूर्य ग्रहण का दिन भी होगा.
सूर्य ग्रहण के समय इन बातों का रखें ध्यान
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान सूतक काल लग जाता है. इस समय शोर मचाना, खाना-पीना और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. सूतक काल में गर्भवती महिलाओं का घर से बाहर निकलना वर्जित होता है क्योंकि सूतक काल में नेगेटिव एनर्जी मजबूत होती है. दरअसल इस निगेटिव एनर्जी का प्रभाव गर्भवती महिला या उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ सकता है. ग्रहण लगने से पहले ही खाने में तुलसी के पत्ते रखने की मान्यता भी हिंदू धर्म में है.
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क्या होता है सूतक काल
आपको बता दें कि सूतक का मतलब खराब समय से है, सूतक काल के दौरान प्रकृति अपेक्षाकृत ज्यादा संवेदनशील हो जाती है. सूतक काल के दौरान किसी अप्रिय घटना के होने की संभावना ज्यादा रहती है, इसीलिए कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान सावधान रहें.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)