पूर्णागिरि मंदिर
सृजित अवस्थी
पीलीभीत. इन दिनों उत्तराखंड के चंपावत जिला के टनकपुर में स्थित मां पूर्णागिरी शक्तिपीठ में भव्य मेला चल रहा है. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु यहां पहुंचने के लिए सबसे पहले उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का रुख करते हैं. ऐसे में पीलीभीत को मां पूर्णागिरी शक्तिपीठ का प्रथम द्वार भी माना जाता है.
टनकपुर स्थित मां पूर्णागिरि शक्तिपीठ की उत्तर भारत में काफी मान्यता है. यह मंदिर नेपाल से निकलने वाली काली नदी के किनारे अन्नपूर्णा चोटी पर स्थित है. माता का यह प्रसिद्ध मंदिर समुद्र तल से 3,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. ऐसे में मां के दर्शन के लिए लोगों को कठिन चढ़ाई कर चोटी पर पहुंचना होता है. होली के अगले दिन से मां पूर्णागिरि शक्तिपीठ में मेला लगता है. इस दौरान पूरे उत्तर भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं.
यात्रा के लिहाज से बात करें तो पीलीभीत को एक प्रमुख पड़ाव माना जाता है. मेले में आने वाले श्रद्धालु सबसे पहले पीलीभीत ही पहुंचते हैं. यहां से उन्हें टनकपुर के लिए विभिन्न तरह के साधन मिलते हैं.
इस तरह पहुंच सकते हैं टनकपुर
अगर आप भी उत्तराखंड के टनकपुर स्थित मां पूर्णागिरी शक्तिपीठ के दर्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले यूपी के पीलीभीत पहुंचना होगा. पीलीभीत से टनकपुर की दूरी 60 किलोमीटर है. यहां से आपको टनकपुर के लिए आठ ट्रेन मिल जाएंगी. दिन की सबसे पहली ट्रेन सुबह 7:15 बजे है. तो वहीं, अंतिम ट्रेन शाम 18:58 बजे टनकपुर के लिए छूटती है.
इसके अलावा, यदि आप सड़क मार्ग से टनकपुर पहुंचना चाहते हैं इसके लिए आप पीलीभीत के नौगवां चौराहे व छतरी चौराहे से बस ले सकते हैं.
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Tags: Champawat News, Pilibhit news, Up news in hindi
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