Tulsi Vivah 2020: तुलसी विवाह के दिन पूजा में शामिल करें ये खास चीजें, जानें पौराणिक कथा

तुलसी विवाह के लिए तुलसी का पौधा एक चौकी पर आंगन के बीचो-बीच रखा जाता है.
माना जाता है कि जो भक्त देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) का अनुष्ठान करता है उसे कन्यादान के बराबर पुण्य मिलता है. वहीं एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) को लेकर मान्यता है कि साल के सभी 24 एकादशी व्रत करने पर लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 25, 2020, 7:52 AM IST
आज तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) और देवउठनी एकादशी है. कहते हैं कि कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रीहरि चतुर्मास की निद्रा से जागते हैं, इसीलिए इस एकादशी को देवउठनी एकादशी भी कहते हैं. इस दिन से ही हिन्दू धर्म में शुभ कार्य जैसे विवाह (Marriage) आदि शुरू हो जाते हैं. देवउठनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु के स्वरूप शालीग्राम का देवी तुलसी से विवाह होने की परंपरा भी है. माना जाता है कि जो भक्त देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का अनुष्ठान करता है उसे कन्यादान के बराबर पुण्य मिलता है. वहीं एकादशी व्रत को लेकर मान्यता है कि साल के सभी 24 एकादशी व्रत करने पर लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. तुलसी विवाह के लिए तुलसी का पौधा एक चौकी पर आंगन के बीचो-बीच रखा जाता है. तुलसी जी के सामने मेहंदी, मौली धागा, फूल, चंदन, सिंदूर, सुहाग के सामान की चीजें, चावल और मिठाई, पूजन सामग्री के रूप में रखी जाती हैं.
इसे भी पढ़ेंः Tulsi Vivah and Ekadashi: आज है तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी व्रत, जानें पूजा का समय और विधि
पूजा में अर्पित करें ये चीजें
पूजा में मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरूद और अन्य मौसमी फल चढाएं .पूजा में लगाएं ये चीजें
देवउठनी एकादशी पर पूजा स्थल में गन्नों से मंडप सजाया जाता है. उसके नीचे भगवान विष्णु की प्रतिमा विराजमान कर मंत्रों से भगवान विष्णु को जगाने के लिए पूजा की जाती है.
इसे भी पढ़ेंः Tulsi Vivah 2020: तुलसी विवाह के दिन करें ये उपाय, दूर होंगी ये सारी समस्याएं
तुलसी विवाह कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता तुलसी ने भगवान विष्णु को नाराज होकर श्राम दे दिया था कि तुम काला पत्थर बन जाओगे. इसी श्राप की मुक्ति के लिए भगवान ने शालीग्राम पत्थर के रूप में अवतार लिया और तुलसी से विवाह कर लिया. वहीं तुलसी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है. हालांकि कई लोग तुलसी विवाह एकादशी को करते है तो कहीं द्वादशी के दिन तुलसी विवाह होता है. ऐसे में एकादशी और द्वादशी दोनों तिथियों का समय तुलसी विवाह के लिए तय किया गया है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें).
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पूजा में अर्पित करें ये चीजें
पूजा में मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरूद और अन्य मौसमी फल चढाएं .पूजा में लगाएं ये चीजें
देवउठनी एकादशी पर पूजा स्थल में गन्नों से मंडप सजाया जाता है. उसके नीचे भगवान विष्णु की प्रतिमा विराजमान कर मंत्रों से भगवान विष्णु को जगाने के लिए पूजा की जाती है.
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तुलसी विवाह कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता तुलसी ने भगवान विष्णु को नाराज होकर श्राम दे दिया था कि तुम काला पत्थर बन जाओगे. इसी श्राप की मुक्ति के लिए भगवान ने शालीग्राम पत्थर के रूप में अवतार लिया और तुलसी से विवाह कर लिया. वहीं तुलसी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है. हालांकि कई लोग तुलसी विवाह एकादशी को करते है तो कहीं द्वादशी के दिन तुलसी विवाह होता है. ऐसे में एकादशी और द्वादशी दोनों तिथियों का समय तुलसी विवाह के लिए तय किया गया है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें).