धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान राम अवतारी पुरुष थे. उन्हें भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है. इतना ही नहीं भगवान राम को धरती पर मर्यादा का संदेश देने के लिए भी भेजा गया था.मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम ने पृथ्वी पर हर उस मर्यादा का पालन किया. जिसे उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है.
रिपोर्ट : सर्वेश श्रीवास्तव
अयोध्या .जहां पूरे देश में नवरात्रि की धूम है. तो वहीं धर्म नगरी अयोध्या में भगवान राम के जन्मोत्सव की धूम है. चैत्र माह के नवमी तिथि को भगवान राम का जन्म हुआ और इस साल चैत्र रामनवमी 30 मार्च को मनाई जाएगी. आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे आखिर क्यों भगवान विष्णु ने धरती पर भगवान राम के रूप में जन्म लिया.
दरअसल धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक पृथ्वी पर राक्षस जातियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा था. जिससे देवी-देवता, पशु-पक्षी , ऋषि -मुनि ,तपस्वी और गंधर्व सब परेशान हो रहे थे. तब सभी ने श्री हरि विष्णु के पास अपनी पीड़ा को लेकर पहुंचे. तब श्री हरि विष्णु ने कहा हम पृथ्वी पर राजा दशरथ के पुत्र राम के रूप में अवतार लेंगे और राक्षस जाति का विनाश करेंगे. जिसके बाद श्री हरि विष्णु ने भगवान राम के रूप में पृथ्वी पर सातवां अवतार लिया.
भगवान विष्णु के सातवां अवतार
धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान राम अवतारी पुरुष थे. उन्हें भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है. इतना ही नहीं भगवान राम को धरती पर मर्यादा का संदेश देने के लिए भी भेजा गया था. भगवान राम जब धरती पर जन्म लिया तो देवता और गंधर्व 1 महीने तक भगवान राम का दर्शन करते रह गए. इतना ही नहीं कहा जाता है जब भगवान राम का जन्म हुआ तो पूरी पृथ्वी पर देवी-देवताओं ने पुष्प की वर्षा की थी . मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम ने पृथ्वी पर हर उस मर्यादा का पालन किया. जिसे उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है.
मानव जाति के उपकार के हेतु लिया अवतार
कथावाचक पवन दास शास्त्री बताते है कि भगवान राम ने मानवता की स्थापना तथा राक्षस जाति की समाप्ति के लिए धरती पर जन्म लिया था. इतना ही नहीं भगवान राम के अंदर वह सारे गुण थे. जिससे उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है. भगवान राम वह आदर्श पुरुष थे जिसको 14 वर्ष का वनवास मिला. उसके बावजूद भी वह अपना राज्य सिंहासन त्याग कर अपने पिता की आज्ञा का पालन किया. भाई के प्रति कैसे व्यवहार करना है. ऋषि-मुनियों से कैसे व्यवहार करना है. मित्रता कैसे निभानी है. यह सारे गुण भगवान राम के अंदर समाहित है. इसी वजह से भगवान राम को एक आदर्श पुरुष का दर्जा भी दिया गया था.
(नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है news 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है)
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