ज्येष्ठ माह की आमवस्या के बाद से शुक्ल पक्ष प्रारंभ होगा. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत रखते हैं. विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और नियमपूर्वक व्रत रखते हैं. इस व्रत को करने से मनोकामना सिद्ध होती है, दुख, पाप, कष्ट आदि सब मिट जाते हैं. विनायक चतुर्थी की पूजा दोपहर तक पूर्ण कर लेते हैं. इसमें चंद्रमा की पूजा और दर्शन दोनों ही वर्जित माना जाता है. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) व्रत की तिथि एवं पूजा मुहूर्त के बारे में.
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विनायक चतुर्थी 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 02 जून दिन गुरुवार को देर रात 12 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है. चतुर्थी तिथि का समापन अगले दिन 03 जून शुक्रवार को देर रात 02 बजकर 41 मिनट पर होगा. ऐसे में विनायक चतुर्थी व्रत 03 जून को रखा जाएगा.
विनायक चतुर्थी 2022 पूजा मुहूर्त
03 जून को विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 56 मिनट से दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक है. ऐसे में इस दिन आपको गणेश जी की पूजा के लिए 02 घंटे 46 मिनट का समय मिलेगा.
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इस दिन चंद्रमा का दर्शन और पूजा करना वर्जित है. विनायक चतुर्थी को चंद्रमा का दर्शन करने से मिथ्या कलंक लगता है. इससे अपयश का भागी बनना पड़ता है.
सर्वार्थ सिद्धि योग में विनायक चतुर्थी व्रत
ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में है. सर्वार्थ सिद्धि योग में व्रत और पूजा पाठ करने से मनोकामनाएं सिद्ध होती हैं और कार्य सफल होते हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 05 बजकर 23 मिनट से शाम 07 बजकर 05 मिनट तक है.
विनायक चतुर्थी वाले दिन वृद्धि योग सुबह से लेकर अगले दिन 04 जून को प्रात: 03 बजकर 34 मिनट तक है. वृद्धि योग भी शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है.
विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व
विनायक चतुर्थी व्रत करने से कार्यों में सफलता मिलती है, सुख एवं सौभाग्य बढ़ता है. गणेश जी की कृपा से बिजनेस और नौकरी में तरक्की मिलती है. सभी कष्ट, रोग और दोष दूर हो जाते हैं.
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