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क्या है आपका भाग्यांक, कैसे करते हैं इसकी गणना? अपने लकी नंबर के बारे में विस्तार से जानें

अंग्रेजी जन्म तारीख को जोड़कर निकालें भाग्यांक.

अंग्रेजी जन्म तारीख को जोड़कर निकालें भाग्यांक.

भाग्यांक के बारे में हम सभी जानते हैं लेकिन इसकी गणना कैसे की जाती है इस विषय पर आज हम चर्चा करेंगे. इसके अलावा यह भी ज ...अधिक पढ़ें

प्राचीनकाल से ही मानव जाति के मन में प्रकृति के गूढ़ रहस्यों को भैदकर अपने भविष्य को जान लेने की लालसा रही है. इसी लालसा ने ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) को जन्म दिया. मानव ने ग्रहों की चालों का बारीकी से अध्ययन कर भौतिक और मानव जीवन में घटने गली घटनाओं पर, उनके प्रभाव को जानने की कोशिश की. इस कड़ी में मनुष्य ने अनुभव किया कि ग्रहों के साथ-साथ अंक भी जीवन की घटनाओं को प्रभावित करते हैं. अंकों के रहस्य और शक्ति को जानने का प्रयास हजारों वर्षों से होता रहा है.

प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों को अंकों की शक्ति का पता था, लेकिन उन्होंने पूरा ज्ञान दुनिया को नहीं सौंपा. कुछ अपने साथ ही ले गए. उन्हीं में से कुछ आज हमें बता रहें हैं भोपाल के रहने वाले ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखार्विंद विनोद सोनी पौद्दार कि कैसे अपना भाग्यांक जानें और उसकी गणना करें.

कैसे निकालें भाग्यांक?

जन्म की अंग्रेजी तारीख, जन्म का अंग्रेजी महीना और अंग्रेजी साल तीनों को जोड़कर जो नंबर हमें मिलता है उसी को भाग्यांक कहा जाता है. उदाहरण के तौर पर- मान लीजिए किसी व्यक्ति का जन्म 26 जून 1982 को हुआ है

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दिनांक- 26, 2+6= 8

महीना- 5

सन- 1982 1+9+8+2= 20

इन तीनों को जोड़ने से (8+6+20) 34 संख्या मिली.

अब 3+4 को जोड़कर जो अंक प्राप्त हुआ वो 7 है.

यानी भाग्यांक 7 हुआ. इस अंक का बहुत महत्व है इसलिए इसे भाग्य का चमत्कारी अंक भी कहते हैं.

भाग्यांक 1 के लिए भाग्यशाली वर्ष वही सिद्ध होंगे जिनका योग 1 होता है, या फिर मित्र अंकों से संबंधित वर्ष भी बेहतर सिद्ध होंगे. जैसे 1 भाग्यांक के लिए सन 1999, 2008, 2017 उत्तम सिद्ध होंगे और उसके मित्र अंक 3, 5, 7 सहायक सिद्ध होंगे.

मित्र अंक

1 का मित्र अंक 3, 5, 7 है.

2 का मित्र अंक 4 और 8 है.

3 का मित्र अंक 1, 5, 7, 6, 9 है.

4 का मित्र अंक 2 और 8 है.

5 का मित्र अंक 1, 3, 7 और 10 हैं.

6 का मित्र अंक 3 और 9 है.

7 का मित्र अंक 1, 3 और 5 है.

8 का मित्र अंक 2 और 4 है.

9 का मित्र अंक 3 और 6 है.

यानी कुल भाग्यांक 9 हुए और सभी अंकों को जोड़कर 1 से 9 संख्या का सूक्ष्म अंक निकाल लिया जाता है.

शुभ दिन

भाग्यांक 1 के लिए शुभ वार- रविवार और बृहस्पतिवार हैं.
शुभ माह- जनवरी, मार्च, मई, जुलाई और अक्ट्रबर हैं.
शुभ तारीखें- 1, 10, 19, 28 हैं.

भाग्यांक 2 के लिए शुभ वार- सोमवार और बुधवार हैं.
शुभ माह- फरवरी, अप्रैल, अगस्त और नवंबर हैं.
शुभ तारीखें- 2, 4, 8, 11, 16, 20, 26, 29 और 31 हैं.

भाग्यांक 3 के लिए शुभ वार- मंगलवार और शुक्रवार हैं.
शुभ माह- मार्च, मई, जुलाई, जून, सितंबर और दिसंबर हैं.
शुभ तारीखें- 3, 6, 9, 12, 15, 18, 20, 21, 24, 27 और 30 हैं.

भाग्यांक 4 के लिए शुभ वार- बुधवार और सोमवार हैं.
शुभ माह- अप्रैल, फरवरी और अगस्त हैं.
शुभ तारीखें- 2, 4, 8, 13, 16, 20, 22, 26 और 31 हैं.

भाग्यांक 5 के लिए शुभ वार- बृहस्पतिवार, शनिवार और बुधवार हैं.
शुभ माह- मई, जनवरी, मार्च और जुलाई हैं.
शुभ तारीखें- 5, 10, 14, 19, 23, 25 और 26 हैं

भाग्यांक 6 के लिए शुभ वार- शुक्रवार और मंगलवार हैं.
शुभ माह- जून, सितंबर और दिसंबर हैं.
शुभ तारीखें- 6, 9, 15, 18 और 24 हैं.

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भाग्यांक 7 के लिए शुभ वार- शनिवार, बृहस्पतिवार और बुधवार हैं.
शुभ माह- जुलाई, जनवरी, मार्च, और मई हैं
शुभ तारीखें- 7, 14, 16, 25 और 26 हैं.

भाग्यांक 8 के लिए शुभ वार- सोमवार और बुधवार हैं.
शुभ माह- जनवरी, अगस्त, फरवरी और अप्रैल हैं.
शुभ तारीखें- 4, 8, 16, 17 व 26 हैं.

भाग्यांक 9 के लिए शुभ वार- मंगलवार और शुक्रवार हैं
शुभ माह- सितंबर, मार्च और जून हैं.
शुभ तारीखें- 9, 15, 18 और 27 हैं.

Tags: Dharma Aastha, Predictions, Religion

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