CBSE & ICSE Board 2021: ऑनलाइन टेस्ट में 95% से अधिक अंक, ऑफलाइन में आधे फेल

बिहार सीबीएससी आईसीएससी ऑनलाइन टेस्ट में 10वीं और 12वीं के 90 फीसदी विद्यार्थी को 95% के ऊपर अंक ऑफलाइन टेस्ट में आधे फेल, बिहार में कई स्कूलों ने ब्रिज कोर्स शुरू
Class 10th, 12th Board Exams 2021: बिहार में कई स्कूलों ने ब्रिज-कोर्स शुरू किया है जिसे 20 दिनों के बोर्ड परीक्षा की पूरी तैयारी करवाने का लक्ष्य है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 25, 2021, 11:16 AM IST
Bihar CBSE & ICSE Class 10th 12th Board Exam 2021: ऑनलाइन टेस्ट में 10वीं और 12वीं के 90 परसेंट विद्यार्थियों के 95% के ऊपर अंक आए थे. 4 जनवरी से बिहार के 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोले गए.
करीब एक महीने कक्षा चलने के बाद छात्रों का टेस्ट लिया गया जिसमें हिंदुस्तान में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है की पटना के अधिकतर स्कूलों में आधे से अधिक छात्र फेल हो गए. यह रिजल्ट ऑनलाइन परीक्षा से काफी अलग है जिससे स्कूल प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं. अभी स्कूल द्वारा अलग-अलग तरीकों से छात्रों को तैयारी करवाई जा रही है.
स्कूलों में हुई ब्रिज कोर्स की शुरुआत
स्कूलों में मार्च तक स्टूडेंट्स को बोर्ड एग्जाम का सिलेबस पढ़ाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए कई स्कूलों ने ब्रिज-कोर्स शुरू किया है. 20 दिनों के ब्रिज कोर्स में बोर्ड परीक्षा की पूरी तैयारी करवाने का लक्ष्य है. इस बार जैसा कि तय किया गया था, 30 फीसदी सिलेबस को कम कर पढ़ाई हो रही है जिससे छात्रों का फोकस सिर्फ बोर्ड एग्जाम में पूछे जाने वाले सवालों पर रहे. ब्रिज कोर्स में हर चैप्टर की पढ़ाई के बाद उस चैप्टर का एक छोटा सा टेस्ट लिया जाता है.अभिभावकों ने शुरू की काउंसिलिंग
ऑफलाइन टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर पाया गया कि ऑनलाइन टेस्ट में स्टूडेंट इतना अधिक स्कोर चीटिंग करके ही ला सकते हैं. इसलिए अब ब्रिज कोर्स के दौरान होने वाली ऑनलाइन परीक्षा के समय छात्र नकल नहीं करें इसके लिए कई स्कूलों ने अभिभावकों की काउंसिलिंग शुरू की है.
काउंसिलिंग में अभिभावकों को ऑनलाइन परीक्षा में स्कूल का साथ देने की सलाह दी जाती है. उनसे कहा जाता है कि वह ऑनलाइन परीक्षा के दौरान अपने छात्र पर नजर रखें और उसे बिना चीटिंग किए परीक्षा देने के लिए मोटिवेट करें. वहीं, उन अभिभावकों का उदाहरण दिया जाता है, जिन्होंने ऑनलाइन परीक्षा में बच्चे को नकल नहीं करने दी.
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करीब एक महीने कक्षा चलने के बाद छात्रों का टेस्ट लिया गया जिसमें हिंदुस्तान में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है की पटना के अधिकतर स्कूलों में आधे से अधिक छात्र फेल हो गए. यह रिजल्ट ऑनलाइन परीक्षा से काफी अलग है जिससे स्कूल प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं. अभी स्कूल द्वारा अलग-अलग तरीकों से छात्रों को तैयारी करवाई जा रही है.
स्कूलों में हुई ब्रिज कोर्स की शुरुआत
स्कूलों में मार्च तक स्टूडेंट्स को बोर्ड एग्जाम का सिलेबस पढ़ाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए कई स्कूलों ने ब्रिज-कोर्स शुरू किया है. 20 दिनों के ब्रिज कोर्स में बोर्ड परीक्षा की पूरी तैयारी करवाने का लक्ष्य है. इस बार जैसा कि तय किया गया था, 30 फीसदी सिलेबस को कम कर पढ़ाई हो रही है जिससे छात्रों का फोकस सिर्फ बोर्ड एग्जाम में पूछे जाने वाले सवालों पर रहे. ब्रिज कोर्स में हर चैप्टर की पढ़ाई के बाद उस चैप्टर का एक छोटा सा टेस्ट लिया जाता है.अभिभावकों ने शुरू की काउंसिलिंग
काउंसिलिंग में अभिभावकों को ऑनलाइन परीक्षा में स्कूल का साथ देने की सलाह दी जाती है. उनसे कहा जाता है कि वह ऑनलाइन परीक्षा के दौरान अपने छात्र पर नजर रखें और उसे बिना चीटिंग किए परीक्षा देने के लिए मोटिवेट करें. वहीं, उन अभिभावकों का उदाहरण दिया जाता है, जिन्होंने ऑनलाइन परीक्षा में बच्चे को नकल नहीं करने दी.
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