Neeraj Chopra Education: उनकी पढ़ाई पानीपत, चंडीगढ़ और जालंधर से हुई है
नई दिल्ली (Celeb Education, Neeraj Chopra Education). भारत के मशहूर फील्ड एथलीट और जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Javelin Thrower Neeraj Chopra) इन दिनों सुर्खियों में हैं. उन्होंने हाल ही में भारत को वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक दिलाया था. वे कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) के लिए भी जाने वाले थे लेकिन ओलंपिक चैंपियन 100 प्रतिशत फिट नहीं हैं, जिसकी वजह से उन्हें बाहर कर दिया गया है.
नीरज चोपड़ा हरियाणा के रहने वाले हैं. उनकी लाइफ स्टोरी काफी दिलचस्प रही है. वे आज जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत स्ट्रगल किया है. बचपन में उन्होंने लोगों के ताने भी सुने हैं. अब वे सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं और इंस्टाग्राम पर उनके 59 लाख फॉलोअर्स भी हैं (Neeraj Chopra Instagram). जानिए उनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन (Neeraj Chopra Educational Qualification).
कृषि परिवार से हैं नीरज
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा राज्य के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में हुआ था (Neeraj Chopra Birthday). नीरज जॉइंट फैमिली में रहते हैं. उनके परिवार में माता-पिता के अलावा तीन चाचा भी शामिल हैं. एक ही छत के नीचे रहने वाले 19 सदस्यीय परिवार में चचेरे 10 भाई-बहनों में नीरज सबसे बड़े हैं. उनका परिवार खेती-बाड़ी से जुड़ा हुआ है (Neeraj Chopra Family).
कहां हुई नीरज की पढ़ाई?
‘गोल्डन बॉय’ के तौर पर मशहूर नीरज चोपड़ा की प्रारंभिक पढ़ाई पानीपत से हुई है. उन्होंने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज यानी दयानंद एंग्लो वेदिक कॉलेज (Dayanand Anglo Vedic College) से ग्रेजुएशन किया है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में जिक्र किया गया है कि वे फिलहाल जालंधर में स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से बीबीए की पढ़ाई कर रहे हैं (Neeraj Chopra Education).
कभी वजन से परेशान थे नीरज
नीरज चोपड़ा का टीनएज पीरियड काफी स्ट्रगल भरा रहा है. दरअसल वे काफी मोटे थे, जिसकी वजह से हर कोई उन्हें चिढ़ाता था. उस समय उनका काफी मज़ाक बनाया जाता था. उनके घरवाले भी उनके मोटापे से परेशान हो गए थे. तब उनके चाचा ने 13 साल की उम्र से उन्हें स्टेडियम ले जाना शुरू कर दिया था. हालांकि वहां उनका दौड़ने में मन नहीं लगता था (Neeraj Chopra Education).
स्टेडियम से शुरू हुआ नया सफर
नीरज चोपड़ा ने स्टेडियम में खिलाड़ियों को भाला फेंकते हुए देखा. धीरे-धीरे उनकी रुचि उसी में लगने लगी. पढ़ाई के साथ वे जेवलिन का भी अभ्यास करते रहे. उस समय उनके घरवालों के पास उन्हें जेवलिन दिलवाने के रुपये नहीं थे. तब उनके पिता और चाचा ने इधर-उधर से रुपये लेकर उनकी प्रैक्टिस के लिए जेवलिन लाकर दिया था. जेवलिन थ्रो की प्रैक्टिस के लिए नीरज ने यूट्यूब वीडियो का भी सहारा लिया.
परिवार में पहली सरकारी नौकरी
नीरज अपने संयुक्त परिवार में सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) हासिल करने वाले पहले सदस्य हैं. उन्होंने 2016 में पोलैंड में हुए IAAF वर्ल्ड यू-20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता. इससे खुश होकर आर्मी ने उन्हें राजपुताना रेजिमेंट में बतौर जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर (JCO) के तौर पर नियुक्त किया था.
आर्मी में खिलाड़ियों को ऑफिसर के तौर पर कम ही नियुक्ति मिलती है, लेकिन नीरज को उनकी प्रतिभा के कारण डारेक्ट ऑफिसर बना दिया गया.
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