नई दिल्ली. दिल्ली सरकार (Delhi Government) के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों में कोरोना संक्रमण महामारी की वजह से लर्निंग गैप आ गया था. इसको दूर करने के लिए सरकार की ओर से मिशन बुनियाद (Mission Buniyaad) प्रोग्राम चलाया हुआ है. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के साथ-साथ एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए भी इस प्रोग्राम की शुरूआत की है. अब इसके बेहतर परिणाम भी सामने आ रहे हैं.
इसके बाद अब सरकार ने स्कूलों में 31 अगस्त तक मिशन बुनियाद प्रोग्राम को चलाने का निर्णय लिया गया है जिसके बाद इसका रिव्यू भी किया जाएगा. सरकार ने जुलाई माह में एससीईआरटी के साथ मिलकर एमसीडी और दिल्ली शिक्षा निदेशालय (डीओई) के टीचर्स के साथ ट्रेनिंग सेशन आयोजित करने की भी तैयारी की है. इसको लेकर सरकार ने एक विस्तृत योजना बनाई है.
बताते चलें कि मिशन बुनियाद कार्यक्रम ने कोरोना के दौरान पिछले 2 सालों में बच्चों में आए लर्निंग गैप को कम करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मिशन बुनियाद के क्रियान्वयन के मिले बेहतर और शानदार परिणाम देखकर सरकार ने आगे की रणनीति तैयार की है. इसको लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने एमसीडी कमिश्नर ज्ञानेश भारती, शिक्षा सचिव अशोक कुमार एवं शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता और शिक्षा विभाग के आला अफसरों के साथ हाल ही में मीटिंग भी की थी.
मनीष सिसोदिया का कहना है कि इस साल गर्मियों की छुट्टियों में मिशन बुनियाद को दिल्ली सरकार व एमसीडी के स्कूलों में ‘मिशन मोड’ में चलाया गया जिसका शानदार रिजल्ट देखने को मिला है. स्कूलों के लाखों बच्चों को इसका फायदा हुआ है व उनके लर्निंग लेवल में सकारात्मक सुधार आया है. इसका सारा श्रेय शिक्षा विभाग व एमसीडी के शिक्षकों व स्कूल प्रमुखों को जाता है. उन्होंने आगे कहा कि यदि शिक्षा विभाग व एमसीडी के स्कूल इस तरह ही साथ मिलकर काम करें तो बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार करने में बड़ी मदद मिलेगी.
स्कूलों में दो माह और चलेगा मिशन बुनियाद प्रोग्राम
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में प्राथमिक स्तर पर ज़्यादातर बच्चे एमसीडी स्कूलों में ही होते है. कोरोना के पिछले 2 सालों में यहां बच्चों के लर्निंग में काफी गैप देखने को मिला. इस गैप को कम करना काफी चैलेंजिंग था लेकिन शिक्षकों ने इस पर बेहतर काम किया है. उन्होंने शिक्षा निदेशालय व एमसीडी के स्कूलों में मिशन बुनियाद की कक्षाओं को 2 महीने तक और संचालित करने के निर्देश दिए.
हर स्कूल एचओडी बनाए खुद की एक योजना
उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली के लिए एक मिनिमम बेंचमार्क स्थापित करने की जरुरत है कि स्कूल चाहे वो एमसीडी के स्कूल हो या शिक्षा निदेशालय के स्कूल का हर बच्चा कम से कम भाषा व बुनियादी गणित में दक्ष हो. इसके लिए हर स्कूल प्रमुख अपनी खुद की एक योजना बनाए और उसके बेहतर कार्यान्वयन पर फोकस करें.
मौजूदा आंकड़ों की माने तो शिक्षा निदेशालय के स्कूलों के कक्षा 3 से 5 तक के 88% बच्चे व एमसीडी के स्कूलों के 78% बच्चे जो कम से कम शब्द पहचानने या उससे ऊपर पढ़ पा रहे है, 2 महीने के प्रयास के बाद अपनी किताब पढ़ पाएंगे. वहीं, कक्षा 6 से 9 तक के 90% बच्चे जो अभी कम से कम एक छोटा पैराग्राफ पढ़ सकते है वो फोकस्ड प्रयास से अगले 2 महीने में अपनी किताबें पढ़ सकेंगे.
अगले चरण के प्रोग्राम की यह होगी रणनीति
-स्कूलों में 31 अगस्त तक चलेगा मिशन बुनियाद, अगस्त के अंत में होगी समीक्षा
-जुलाई में एससीईआरटी ‘टारगेटेड पेडागोजिकल अप्रोच’ के लिए एमसीडी और डीओई के टीचर्स के साथ करेगी ट्रेनिंग सेशन का आयोजन
-टीचर्स साप्ताहिक रूप से करेंगे प्रत्येक बच्चे का असेसमेंट, पूरी असेसमेंट प्रक्रिया पर स्कूल प्रमुख रखेंगे नजर
-जुलाई महीने में मेगा पीटीएम का होगा आयोजन
-स्कूल खुलते ही बच्चों पर नहीं लादा जाएगा सिलेबस का बोझ
-कांसेप्ट व स्किल्स के बीच के गैप को कम करने के लिए कक्षा-वार पाठ्यक्रम को किया जाएगा कम
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