नई दिल्ली. Four Year Undergraduate Program : दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के तहत FYUP (four year undergraduate program) की वापसी की राह लगभग तैयार हो चुकी है. बता दें कि सोमवार को हुई स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में FYUP (चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम) का अजेंडा पास हुआ है. ऐसे में आज होने वाली ऐकडेमिक काउन्सिल की मीटिंग में FYUP का अजेंडा पास होने के बाद सत्र 2022-23 से FYUP लागू होने का आसार है. गौरतलब है कि साल 2013 में भी दिल्ली यूनिवर्सिटी में FYUP लाया गया था, जिसे 2014 में वापस कर दिया गया था.
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की बैठक की पूर्व संध्या पर कई शिक्षकों और एसी सदस्यों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में सुधारों की वकालत करने के विश्वविद्यालय के फैसले पर चिंता जताई है और मांग की कि डीयू द्वारा तैयार की गई सिफारिशें नेशनल एजुकेशन पॉलिसी समिति को मंगलवार की बैठक में परिषद के समक्ष रखने के बजाय व्यापक परामर्श के लिए खोला जाना चाहिए.
हालांकि, अकादमिक मामलों की स्थायी समिति ने शिक्षकों के विरोध के बावजूद 2022-23 से चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम संरचना के कार्यान्वयन पर एजेंडा पारित किया है. समिति ने तीन सदस्यों से असहमति का एक नोट दर्ज किया. स्थायी समिति को शिक्षकों के विरोध के कारण SWAYAM (भारत का विशाल खुला ऑनलाइन पाठ्यक्रम मंच) के कार्यान्वयन पर एजेंडा स्थगित करना पड़ा.
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दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) ने इस फैसले का खुला विरोध किया है और एसी की बैठक से पहले मंगलवार को हड़ताल बुलाई है. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन को आज अकादमिक परिषद के अंदर और बाहर दोनों जगह विरोध का सामना करना होगा. इस बारे में DUTA के कोषाध्यक्ष आभा देव हबीब ने कहा, 2013 में FYUP के अनुभव से पता चलता है कि छात्रों ने चौथे वर्ष के लिए अतिरिक्त खर्च के विचार को खारिज कर दिया है.
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