Delhi Schools Reopen: 18 महीने बाद स्कूल खुलने पर पहले दिन जहां कुछ स्कूलों में एक भी स्टूडेंट स्कूल नहीं पहुंचा, वहीँ कुछ स्कूलों में ही कहीं एक छात्र भी स्कूल नहीं पहुंचा.
नई दिल्ली. Delhi Schools Reopen: कोविड (Covid-19) के चलते पिछले 18 महीने से बंद दिल्ली के स्कूल्स (delhi schools) 1 सितंबर से खुल गए. तमाम स्कूलों में 9वीं क्लास से 12वीं क्लास तक के स्टूडेंट्स (Students) के आने से एक बार फिर थोड़ी सी रौनक देखने को मिली. सभी स्कूलों में थर्मल स्कैनिंग, पेरेंट्स के सहमति पत्र और मास्क (Mask) के बाद ही स्टूडेंट्स को एंट्री (Entry) दी गई. 18 महीने बाद स्कूल खुलने पर पहले दिन जहां कुछ स्कूलों में एक भी स्टूडेंट स्कूल नहीं पहुंचा, वहीँ कुछ स्कूलों में ही कहीं एक छात्र भी स्कूल नहीं पहुंचा, वहीँ कुछ स्कूलों में 100 से भी ज्यादा स्टूडेंट्स क्लास अटेंड करने पहुंचे. ये अलग बात है कि बुधवार सुबह से दोपहर तक हुई बारिश ने बच्चों की अटेंडेंस पहले दिन ही ख़राब कर दी. इसके बावजूद तमाम स्कूल प्रशासनों ने कोविड संबंधी नियमों का सख्ती से पालन किया. कुछ स्कूल्स ने स्टूडेंट्स का स्वागत योगा क्लास से किया तो कुछ स्कूलों ने डांस और सिंगिंग जैसी एक्टिविटीज से बच्चों का वेलकम किया. आइये जानते हैं कि दिल्ली में कैसा रहा स्कूल खुलने का पहला दिन.
राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय (किरण विहार):
इस सरकारी स्कूल के गेट के बाहर ही सेनिटाइज मशीन लगाई गई थी. स्कूल के गेट पर स्कूल कर्मचारी थर्मल स्कैनिंग करके ही स्टूडेंट्स को स्कूल में एंट्री दे रहे थे. इसके चलते गेट के बाहर स्टूडेंट्स की लाइन लगी हुई थी. स्टूडेंट्स को मास्क न उतारने की सलाह दी गई और उन्हें एक सीट छोड़कर बैठने के लिए कहा गया.
डीएवी स्कूल दरियागंज:
स्कूल में शिक्षक व बच्चो दोनों को ही कोविड प्रोटोकॉल के साथ एंट्री दी गई. एंट्री के समय बच्चों की थर्मल स्कैनिंग की गई और गेट पर ही उन्हें सेनिटाइज किया गया. हाथ सेनिटाइज करने और चेहरे पर मास्क लगा होने केे बाद ही उन्हें क्लास में एंट्री दी गई. स्कूल में प्रेयर नहीं हुई और स्टूडेंट्स सीधे क्लास में गए. स्कूल प्रिंसिपल रमाकांत तिवारी के मुताबिक पहले दिन चारों कक्षाओं में सिर्फ 20-25 स्टूडेंट्स ही स्कूल आए.
बारिश होने के कारण कम रही बच्चों की संख्या:
बुराड़ी स्थित सेंट जोसेफ एंड मैरी स्कूल के संचालक मनिन ठाकुर ने बताया कि बुधवार को स्कूल खुलने के पहले दिन ही उनके यहां सिर्फ 15 प्रतिशत स्टूडेंट्स ही पहुंचे. यह संख्या कम होने का एक प्रमुख कारण सुबह से ही बारिश होना भी रहा. स्कूल गेट से क्लास तक पहुंचने में कोविड गाइडलाइन्स का पूरी तरह पालन किया गया.
विद्या बाल भवन सीनियर सैकेंडरी स्कूल (मयूर विहार):
स्कूल सुबह समय से शुरू हुआ, लेकिन कक्षाओं में एक भी स्टूडेंट नहीं आया. इसके बाद स्कूल ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कीं. स्टूडेंट्स की क्लास के साथ-साथ पेरेंट्स की क्लास भी लगी. स्कूल प्रिंसिपल डॉ. सतबीर शर्मा के मुताबिक नौवीं से बारहवीं तक की क्लासेज सही ढंग से चलने के लिए पेरेंट्स के साथ एक मीटिंग की गई. हर क्लास से 10 पेरेंट्स को बुलाया गया. उनसे बात की गई कि किस तरह से क्लासेज शुरू की गई हैं. उन्हें बताया गया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का किस तरह से पालन किया जा रहा है. उन्हें स्कूल मेंं बनाया गया आइसोलेश्न रुम भी दिखाया गया.
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