उनका वेतन रोक दिया है और सरकार के नियमानुसार उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है. (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली. ओडिशा के जाजपुर जिले में सरकारी स्कूल की तीन शिक्षिकाओं को फर्जी शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र जमा कराने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. बाराचना प्रखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) हरिहर दलाई ने नौकरी और वेतन वृद्धि पाने के लिए फर्जी ओडिशा शिक्षक पात्रता परीक्षा (ओटीईटी) प्रमाण-पत्र जमा करने के आरोप में तीन शिक्षकों- तेलीगाड़ा प्राथमिक विद्यालय की अनिया कुमार बराल, अकराबाद प्राथमिक विद्यालय की जयंती साहू और चारिनंगल प्राथमिक विद्यालय की रजिया सुल्ताना को निलंबित कर दिया है.
बीईओ कार्यालय के एक आधिकारिक आदेश में शुक्रवार को कहा गया, ”फर्जी ओटीईटी प्रमाण पत्र जमा करने के लिए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई लंबित होने के बाद तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है. ”
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) रंजन कुमार गिरि ने कहा कि उन्होंने कानूनी कार्रवाई के लिए आरोपी शिक्षकों के खिलाफ बाराचना थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
उन्होंने कहा, ‘हमने उनका वेतन रोक दिया है और सरकार के नियमानुसार उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है. ‘ एक आरटीआई कार्यकर्ता अभिमन्यु बारिक ने बाराचना के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों, उनकी योग्यता और संबंधित प्रमाण-पत्र के बारे में जानकारी मांगी थी. उन्हें बताया गया कि कुछ शिक्षक फर्जी प्रमाण-पत्र जमा कर सरकारी स्कूलों में सेवा दे रहे हैं.
इसके बाद बारिक ने इस साल मार्च में डीईओ का ध्यान इन अवैध नियुक्तियों की ओर आकर्षित किया. आरोप के आधार पर गिरि ने जांच शुरू की और बाराचना के प्राथमिक विद्यालयों में फर्जीवाड़े के तीन मामले सामने आए. जांच के दौरान यह भी पाया गया कि तीनों शिक्षकों को उनके जाली ओटीईटी प्रमाणपत्रों के आधार पर वेतन वृद्धि भी मिली. (भाषा के इनपुट के साथ)
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