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IAS Preparation: 3 चरण की प्रक्रिया पूरी करने पर बनते हैं आईएएस, जानें किस फेज में कैसे करें तैयारी

IAS Preparation: 3 चरण की प्रक्रिया पूरी करने पर बनते हैं आईएएस

IAS Preparation: 3 चरण की प्रक्रिया पूरी करने पर बनते हैं आईएएस

IAS Preparation: सिविल सेवा परीक्षा कुल तीन चरणों में पूरी होती है. प्रारम्भिक परीक्षा का प्रवेश द्वार हर स्नातक के लिए ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. IAS Preparation: सिविल सेवा परीक्षा का चक्र लगभग तीन सौ पचास दिनों में यानी कि एक साल पूरा होने से पहले ही संपन्न हो जाता है. इससे परीक्षा में बैठे हुए युवाओं को यह निर्णय लेने में बहुत बड़ी सुविधा हो जाती है कि वे कुछ दिनों बाद ही होने वाली प्रारम्भिक परीक्षा में बैठें या नहीं. परीक्षा कुल तीन चरणों में पूरी होती है. प्रारम्भिक परीक्षा का प्रवेश द्वार हर स्नातक के लिए खुला है. इसमें चयनित युवा मुख्य परीक्षा में बैठने के पात्र होते हैं. इनमें जो सेलेक्ट हो पाते हैं, उन्हें तीसरे चरण में इन्टरव्यू देने का मौका मिलता है. दूसरे एवं तीसरे चरण के प्राप्तांकों को जोड़कर परिणाम घोषित कर दिये जाते हैं.

इन्हें ऊपरी तौर पर देखने से यही लगता है कि परीक्षा के ये तीन चरण हैं, और इन तीनों के लिए अलग-अलग तैयारी करनी पड़ती होगी. प्रतियोगी ऐसा करते भी है. अधिकांश युवाओं की सोच यही रहती है कि पहले प्रारम्भिक परीक्षा की अच्छी-खासी तैयारी करके इसे निकाल लिया जाये. फिर मुख्य परीक्षा को देखेंगे. दरअसल, इसी गलत रणनीति से बचाने की जानकारी देना मेरे इस ब्लॉग का लक्ष्य है.

तीनों सिलेबस में दिखेगा अंतर
यदि आप इन तीनों चरणों के पाठ्यक्रमों को सतही रूप से देखेंगे, तो ये अलग-अलग लगेंगे. ऐसा इसलिए लगेगा, क्योंकि प्रारम्भिक परीक्षा का सिलेबस बहुत ही छोटा एवं अस्पष्ट है. उसमें यह तो बताया गया है कि आपको कौन-कौन से विषय पढ़ने हैं. लेकिन यह नहीं बताया गया है कि उन विषयों में से आपको क्या-क्या पढ़ना है. मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम के बारे में यूपीएससी ने थोड़ी स्पष्टता की नीति अपनाई है. कुछ विषयों, जैसे राजनीति विज्ञान तथा नैतिकता आदि के डिटेल्स दिये हैं. कुछ जैसे भूगोल, अन्तरराष्ट्रीय संबंध एवं अर्थव्यवस्था के बारे में सांकेतिक तौर पर ही सही, लेकिन खुलासा किया है.

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खास बात यह है कि इन्टरव्यू का सिलेबस सबसे अधिक स्पष्ट है. आयोग ने इसके उद्देश्य, पूछे जा सकने वाले क्षेत्रों के विषय तथा इन्टरव्यू की प्रक्रिया को साफ-साफ शब्दों में स्पष्ट किया है. ऐसे में आप परीक्षा के इन तीनों चरणों के पाठ्यक्रमों को अगल-बगल में रख लें. अब पहले चरण के एक विषय को लें. फिर इसी विषय का मिलान मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम से करें. यहां तीसरे चरण से इसके मिलान करने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि इसमें विषय के रूप में केवल दो ही क्षेत्र होते हैं – आपकी शिक्षा के विषय तथा करेन्ट अफेयर्स.

तीनों चरणों की परीक्षाओं में होता है फर्क
आप पायेंगे कि वस्तुतः मुख्य परीक्षा में प्रारम्भिक परीक्षा के ही संक्षिप्त उल्लेख का विस्तार किया गया है। यहां  यहां आपको प्री के सिलेबस की डिटेलिंग मिलेगी. जहां तक करेन्ट अफेयर्स का सवाल है, इसकी प्रधानता तो सभी चरणों में बनी रहती है. फिर भी तीनों चरणों की परीक्षाओं में फर्क तो है और यह फर्क केवल पेपर्स में दिये जाने वाले प्रश्नों के स्वरूप तथा उनसे प्राप्त उत्तरों का है. तो क्या इस आधार पर आपको यह नहीं लगता कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी मुख्यतः मुख्य परीक्षा की ही तैयारी होती है.

Tags: IAS, IAS exam, Preparation

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