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Success Story: चपरासी की नौकरी देने से कर दिया था मना, 3 बार पास किया UPSC एग्जाम, बने IAS

IAS Success Story: मनीराम की कहानी हौसले और सब्र की कहानी है.

IAS Success Story: मनीराम की कहानी हौसले और सब्र की कहानी है.

Success Story MANIRAM SHARMA: मनीराम ने साल 2005 में यूपीएससी की परीक्षा पास की. बहरेपन के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिली. ...अधिक पढ़ें

IAS Success Story: आज की कहानी है मनीराम शर्मा की, जो 2009 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर IAS अफसर बने. मनीराम राजस्थान के अलवर जिले के बंदनगढ़ी गांव से हैं. मनीराम की मां की आंखों में बीनाई नहीं थी और वे खुद सुनने से मोहताज थे, उन्हें बहरापन था. इनके पिता मजदूर थे. मनीराम के गांव में स्कूल नहीं था वे रोजाना 5 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते थे.

मनीराम के दसवीं पास करने के बाद उनके पिता उन्हें लेकर किसी के पास नौकरी मांगने गए. उन्होंने बताया कि ये 10वीं पास है इसे चपरासी की नौकरी दे दीजिए. तो उनसे कहा गया ‘ये सुन नहीं सकता. इनको न घंटी सुनाई देगी न किसी की आवाज. ये कैसे चपरासी बन सकता है?’
मनीराम ने पिता को भरोसा दिलाया, मैं एक दिन बड़ा अफसर बनकर दिखाऊंगा.

राज्य में क्लर्क की परीक्षा पास की
फिर उन्होंने आगे की पढ़ाई अलवर के कॉलेज से, बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हुए, उसी से अपना खर्चा चलाकर की. पहले राज्य में क्लर्क की परीक्षा पास कर ली. पीएचडी की स्कॉलरशिप हासिल की. फिर आईएएस बनने की ठानी.

मनीराम ने साल 2005 में यूपीएससी की परीक्षा पास की. बहरेपन के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिली. 2006 में दोबारा एग्जाम पास किया, तब पोस्ट एंड टेलीग्राफ अकाउंट्स की नौकरी मिली. फिर कान का ऑपरेशन होने के बाद वह सुनने लगेंगे. 2009 में वो फिर यूपीएससी की परीक्षा पासकर IAS बने.

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Tags: IAS, Success Story

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