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UPSC Exam Tips: सिविल सेवा की प्री परीक्षा में अच्छी तैयारी के साथ आत्मविश्वास से मिलेगी सफलता, पढ़ें टिप्स

UPSC Exam Tips: सिविल सेवा की प्री परीक्षा तैयारी कैसे करें.

UPSC Exam Tips: सिविल सेवा की प्री परीक्षा तैयारी कैसे करें.

UPSC Exam Tips: ज्‍यादातर परीक्षार्थी इस बात पर यकीन ही नहीं कर पाते कि जब वे परीक्षा हॉल में प्रवेश कर रहे होते हैं, त ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. UPSC Exam Tips: अब सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा के केवल सवा महीने ही रह गये हैं. जितनी बड़ी यह परीक्षा है उतनी ही कठिन भी है, उसे देखते हुये इस सवा महीने को लम्‍बा वक्‍त मानने की भूल बिल्‍कुल भी नहीं की जाना चाहिये. सच बात तो यह है कि अब जो वक्‍त आपके हाथ में है, वह तैयारी करने का वक्‍त कम और जो तैयारी आप कर चुके हैं, उसे दोहराने का वक्‍त अधिक है. यह बात मैं इसलिए कह रहा हूं, ताकि आपका मस्तिष्‍क उस चुनौती का मुकाबला करने के लिये अपने-आपको ज्‍यादा से ज्‍यादा मजबूत स्थिति में ला सके, जिसकी आपकी सफलता में बहुत बड़ी भूमिका होगी.

सिविल सेवा परीक्षार्थियों को बहुत लम्‍बे समय से गाइड करने के दौरान मैंने भी इस स्थिति की ग‍हराईयों को महसूस किया है कि उनका सारा जोर केवल सूचनाओं के संकलन और उन्‍हें रटने पर रहता है. ज्‍यादातर परीक्षार्थी इस बात पर यकीन ही नहीं कर पाते कि जब वे परीक्षा हॉल में प्रवेश कर रहे होते हैं, तब से ही उनका मस्तिष्‍क एक जबर्दस्‍त किस्‍म के मनोवैज्ञानिक दबाव से जूझना शुरू कर देता है. दरअसल, परीक्षा देने की शुरूआत तब से नहीं होती, जब उन्‍हें प्रश्‍न-पत्र मिल जाता है, बल्कि उससे काफी पहले तब से हो चुकी होती है, जब आपके मन में घबराहट पैदा होने लगती है.

निश्चित तौर पर पेपर के मिलते ही इस घबराहट में कई गुना ज्‍यादा की वृद्धि हो जाती है. जैसे ही आप प्रश्‍नों को हल करना शुरू करते हैं और यदि शुरू के कुछ प्रश्‍न आपसे नहीं बने, तब तो आपका मस्तिष्‍क एकदम से आत्‍मसमर्पण की मुद्रा में आकर आपका साथ छोड़ने को तैयार हो जाता है. मैं अपने इस ब्‍लॉग में आपको इसी भावी एवं प्रथम संकट के प्रति सचेत करते हुए इससे बचने के कुछ टिप्‍स देने जा रहा हूं –

  • परीक्षा के केन्‍द्र में पहुंचने के बाद भविष्‍य के बारे में सोचना बिल्‍कुल बंद कर दें. तर्क यही कहता है कि जो कुछ आप कर सकते थे, आपने कर लिया. अब तो आपके हाथ में केवल एक बात है कि आप पेपर को कितने अच्‍छे तरीके से हल कर पाते हैं. इसके बारे में भी सोचना बंद कर दीजिए. जब पेपर मिलेगा, तब देखियेगा.
  • यदि शुरू के कुछ प्रश्‍न आपसे नहीं बन पा रहे हों, तो घबराइए बिल्‍कुल भी नहीं. आपने देखा होगा की हमेशा एक ही विषय से संबंधित कुछ प्रश्‍न क्रमश: एक साथ रख दिये जाते हैं। हो सकता है कि जिस विषय के प्रश्‍नों के साथ आपने शुरूआत की है, उस पर आपकी अच्‍छी तैयारी न हो. कोई बात नहीं. आगे जब अन्‍य विषय के प्रश्‍न आयेंगे, तब आप उन्‍हें साल्‍व करके अपना खाता बराबर करिएगा. लेकिन ऐसा तभी कर पायेंगे, जब आप अपने आत्‍मविश्‍वास को कमजोर पड़ने से रोक लें।
  • यह प्रतियोगी परीक्षा है. यहां आपको पास होना नहीं है बल्कि सेलेक्‍ट होना है. इसलिए यहां यह सिद्धांत काम करता है कि जो प्रश्‍न आपके लिए कठिन होंगे; बशर्ते कि आपकी तैयारी ठीक-ठाक हो, तो वे दूसरों के लिए भी कठिन ही होंगे.
  • इस परीक्षा में ज्ञान की सभी शाखाओं के स्‍नातक बैठते हैं. उन सबकी अपनी-अपनी पृष्‍ठभूमियों के अनुसार उनके लिये प्रश्‍न सरल होते हैं और कठिन होते हैं. यह इसकी सबसे बड़ी सच्‍चाई है. आपको मानकर चलना चाहिये कि आगे आपकी पृष्‍ठभूमि वाले प्रश्‍न आपका स्‍वागत करने के लिये आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं. थोड़ी तसल्‍ली रखिये.
  • ऐसे परीक्षार्थियों की संख्‍या हजारों में होती है, जिन्‍हें यदि 0.1 अंक मिल गये होते, तो वे मुख्‍य परीक्षा की तैयारी करने में लग जाते. प्रतियोगिता कितनी कठिन है, आप जानते हैं. इसे मैं प्रतियोगी परीक्षा का ओलम्पिक कहता हूं. यहां आपकी छोटी-सी चूक आपको धावक मिल्‍खा सिंह बना सकती है, जो ओलम्पिक दौड़ में एक सैंकण्‍ड के सौवें हिस्‍से के कारण कांस्‍य पदक पाने से चूक गये थे.

अच्छी तैयारी के साथ आत्मविश्वास है जरूरी
नि:संदेह रूप से केवल आत्‍मविश्‍वास के दम पर ही आप इस परीक्षा को क्‍वालिफाई नहीं कर सकते. लेकिन आपको इस बात का भी भ्रम नहीं होना चाहिये कि केवल अच्‍छी तैयारी के आधार पर आप इसमें सफल हो जायेंगे. वस्‍तुत: यह विषय की समझदारी की परीक्षा के साथ-साथ किसी भी मायने में मनोवैज्ञानिक संतुलन के परीक्षण से कम नहीं है. आपको इन दोनों को कंबाइंड करके चलना होगा.

Tags: Job, Preparation, UPSC, Upsc exam

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