UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए नहीं दिया जाएगा अतिरिक्त मौका,सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का जवाब

सरकार अतिरिक्त मौका देने को लेकर सहमत नहीं है.
उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट से कॅरोना महामारी के प्रभाव के कारण अभ्यर्थियों को यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका दिए जाने की मांग की है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 22, 2021, 5:09 PM IST
नई दिल्ली. UPSC सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए कोई अतिरिक्त मौका नहीं दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस बाबत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार तक टाल दी है. गौरतलब है कि कुछ उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट से कॅरोना महामारी के प्रभाव के कारण अभ्यर्थियों को यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका दिए जाने की मांग की है.
किसी भी प्रकार से अतिरिक्त प्रयास नहीं दिया जाएगा
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा किस संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रणाली परीक्षा के लिए किसी भी प्रकार से अतिरिक्त प्रयास उन उम्मीदवारों को नहीं दिया जाएगा, जिन्होंने अक्टूबर में आयोजित की गई परीक्षा में भाग लिया था अथवा कोविड-19 महामारी के कारण और परीक्षा में भाग नहीं ले सके इस संबंध में एक मांग याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उनका पक्ष जानना चाहा था.
25 जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एसबी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार से जानकारी मिली है, की सरकार अतिरिक्त मौका देने को लेकर सहमत नहीं है. जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को 25 जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया है . साथ ही अगली सुनवाई भी 25 जनवरी तक के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दिया है.
अतिरिक्त मौका दिए जाने को लेकर सहमत नहीं
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कल रात ही मुझे केंद्र सरकार से जानकारी मिली है कि वह कोरोना महामारी के प्रभाव के कारण अभ्यर्थियों को यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका दिए जाने को लेकर सहमत नहीं हैं. मैं 1 हफ्ते में शपथ पत्र पर या कहना चाहूंगा इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आवेदनों की अंतिम तिथि के बारे में पूछताछ की तब सहमति व्यक्त करते हुए एएसजी ने हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा.
एएसजी ने सुप्रीम कोर्ट से समय देने की मांग की थी
आपको बता दें कि इससे पहले की सुनवाई में एएसजी ने सुप्रीम कोर्ट से समय देने की मांग की थी क्योंकि केंद्र सरकार ने कहा था कि यह मुद्दा केंद्र सरकार और और संघ लोक सेवा आयोग के बीच सक्रिय तौर पर विचारधीन था. तब कोर्ट ने सभी पक्षकारों को निर्देश दिया था कि किसी भी परिस्थिति की आखिरी तारीख तक देरी नहीं होनी चाहिए. हालांकि एएसजी ने फरवरी के पहले सप्ताह तक के लिए समय मांगा था लेकिन बेंच ने कहा कि उन्हें जल्द जवाब मिलना चाहिए.
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अतिरिक्त नियमों को मंजूरी देने के लिए नियमों में संशोधन की आवश्यकता
इससे पहले 18 दिसंबर 2020 को केंद्र के वकील ने कहा था कि केंद्र इस संबंध में विचार कर रहा है और इस संबंध में निर्णय लेने में 3 से 4 हफ्ते लग सकते हैं. अतिरिक्त नियमों को मंजूरी देने के लिए नियमों में संशोधन की आवश्यकता हो सकती है इससे पहले 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया था कि वे उम्मीदवार को एक अतिरिक्त मौका देने पर विचार करें क्योंकि यह उनके लिए ऊपरी आयु सीमा के तहत यह 2020 में अंतिम मौका है.
किसी भी प्रकार से अतिरिक्त प्रयास नहीं दिया जाएगा
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा किस संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रणाली परीक्षा के लिए किसी भी प्रकार से अतिरिक्त प्रयास उन उम्मीदवारों को नहीं दिया जाएगा, जिन्होंने अक्टूबर में आयोजित की गई परीक्षा में भाग लिया था अथवा कोविड-19 महामारी के कारण और परीक्षा में भाग नहीं ले सके इस संबंध में एक मांग याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उनका पक्ष जानना चाहा था.
Centre informs Supreme Court that no extra attempt for UPSC will be given to aspirants who had their last attempt in October & could not appear due to COVID-19. Court asks Centre to file an affidavit about the stand taken by it and posted the matter for hearing on Monday, Jan 25. pic.twitter.com/xbPPWAZ3ry
— ANI (@ANI) January 22, 2021
25 जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एसबी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार से जानकारी मिली है, की सरकार अतिरिक्त मौका देने को लेकर सहमत नहीं है. जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को 25 जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया है . साथ ही अगली सुनवाई भी 25 जनवरी तक के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दिया है.
अतिरिक्त मौका दिए जाने को लेकर सहमत नहीं
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कल रात ही मुझे केंद्र सरकार से जानकारी मिली है कि वह कोरोना महामारी के प्रभाव के कारण अभ्यर्थियों को यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका दिए जाने को लेकर सहमत नहीं हैं. मैं 1 हफ्ते में शपथ पत्र पर या कहना चाहूंगा इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आवेदनों की अंतिम तिथि के बारे में पूछताछ की तब सहमति व्यक्त करते हुए एएसजी ने हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा.
एएसजी ने सुप्रीम कोर्ट से समय देने की मांग की थी
आपको बता दें कि इससे पहले की सुनवाई में एएसजी ने सुप्रीम कोर्ट से समय देने की मांग की थी क्योंकि केंद्र सरकार ने कहा था कि यह मुद्दा केंद्र सरकार और और संघ लोक सेवा आयोग के बीच सक्रिय तौर पर विचारधीन था. तब कोर्ट ने सभी पक्षकारों को निर्देश दिया था कि किसी भी परिस्थिति की आखिरी तारीख तक देरी नहीं होनी चाहिए. हालांकि एएसजी ने फरवरी के पहले सप्ताह तक के लिए समय मांगा था लेकिन बेंच ने कहा कि उन्हें जल्द जवाब मिलना चाहिए.
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अतिरिक्त नियमों को मंजूरी देने के लिए नियमों में संशोधन की आवश्यकता
इससे पहले 18 दिसंबर 2020 को केंद्र के वकील ने कहा था कि केंद्र इस संबंध में विचार कर रहा है और इस संबंध में निर्णय लेने में 3 से 4 हफ्ते लग सकते हैं. अतिरिक्त नियमों को मंजूरी देने के लिए नियमों में संशोधन की आवश्यकता हो सकती है इससे पहले 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया था कि वे उम्मीदवार को एक अतिरिक्त मौका देने पर विचार करें क्योंकि यह उनके लिए ऊपरी आयु सीमा के तहत यह 2020 में अंतिम मौका है.
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