Viral News: बिहार के जमुई जिले में स्थित एक स्कूल में पढ़ाने वाले रंजीत कुमार अपने टीचिंग स्टाइल के लिए काफी मशहूर हैं
नई दिल्ली (Viral News, Bihar News). पहले के जमाने में छात्र अपने शिक्षक को सिर्फ कहने के लिए सर या गुरु नहीं बोलते थे, बल्कि दिल से मानते भी थे. बदलते जमाने में गुरु-शिष्य के बीच का वह रिश्ता भी कुछ बदल सा गया है (Teacher Student Relationship). अब बच्चों की अपने टीचर्स के साथ ज्यादा इमोशनल बॉन्डिंग नहीं होती है. लेकिन बिहार के जमुई में एक सर जी ऐसे भी हैं, जिनसे बिछड़ने पर उनके छात्रों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.
जहां ज्यादातर स्कूलों में बच्चों को एसी से लेकर वॉटर कूलर और फर्स्ट एड तक की तमाम सुविधाएं दी जाती हैं, वहीं कई स्कूल अब भी ऐसे हैं, जहां मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है. बिहार के जमुई जिले में स्थित सिकंदरा प्रखंड के मंजोष पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में संसाधनों का बेशक अभाव है लेकिन वहां पढ़ाई बहुत खास अंदाज में होती है. वहां के शिक्षक रंजीत कुमार का टीचिंग स्टाइल और बच्चों के साथ उनकी बॉन्डिंग गजब लोकप्रिय है (Ranjit Kumar Jamui).
पास होने पर भी रोए बच्चे
जमुई के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में 7वीं क्लास के स्टूडेंट्स पास हो गए हैं. अब 8वीं की पढ़ाई के लिए उन्हें हाई स्कूल में एडमिशन लेना है. लेकिन ये बच्चे पास होने की खुशी मनाने के बजाय गम में डूबे हुए हैं. बच्चों की आंखों में स्कूल और अपने टीचर से बिछड़ने का दर्द नजर आ रहा है. फेयरवेल में बच्चे चीख-चीखकर रो रहे थे. वहीं, उनके शिक्षक यानी सर्वप्रिय रंजीत कुमार बच्चों को समझाकर शांत करा रहे थे. सिर्फ यही नहीं, उन्होंने बच्चों से कहा कि कभी डांटा-पीटा हो तो माफ कर देना.
सर ने दिए फेयरवेल गिफ्ट
शहरों के बड़े स्कूलों में जोरदार फेयरवेल पार्टी होती है. बच्चे आपस में तो एंजॉय करते हैं लेकिन शिक्षकों को भूल जाते हैं. मगर जमुई के स्कूल की फेयरवेल भी खास है. शिक्षक रंजीत कुमार ने बच्चों को भविष्य की सीख देते हुए विदा किया (Farewell Message). साथ ही वादा किया कि पढ़ाई में कोई भी दिक्कत आने पर वह मदद करेंगे. उन्होंने सभी बच्चों को एक पेन और डायरी भी दी (Farewell Gifts). उन्होंने बच्चों से कहा कि वे इस डायरी में अच्छी बातें लिखें और उन पर अमल भी करें.
शत-प्रतिशत होती है अटेंडेंस
रंजीत कुमार का टीचिंग स्टाइल यूनीक है. वह स्कूल के सामने मैदान में बच्चों को विभिन्न गतिविधियों के साथ अक्षर ज्ञान से लेकर किताबी बातें तक, खेल के अंदाज में बताते हैं. बच्चे भी विषयों को कठिन या उबाऊ नहीं मानते हुए खूब मन लगाकर पढ़ते हैं. इस स्कूल में बच्चों की अटेंडेंस शत-प्रतिशत रहती है. बच्चे रंजीत सर का पढ़ाया पाठ कभी नहीं भूलते हैं. वह पढ़ाई को रोचक बनाने के लिए कविता, गीत और गेम का सहारा लेते हैं (Teaching Strategies).
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