Manmohan Birth anniversary: मनमोहन (Manmohan) हिंदी सिनेमा के एक ऐसे एक्टर थे जो खलनायक की भूमिका के लिए जाने जाते थे. 28 जनवरी 1933 में जमशेदपुर में पैदा हुए मनमोहन ने हिंदी के अलावा बंगाली, गुजराती और पंजाबी फिल्मों में भी काम किया था. बचपन से ही मनमोहन को एक्टिंग का शौक था, इसलिए 1950 में ही मुबंई आ गए थे. बिजनेसमैन फैमिली से ताल्लुक वाले मनमोहन फिल्म इंडस्ट्री के उन खुशकिस्मत लोगों में से एक थे जिन्हें काम पाने के लिए अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ी थी. 60-70 के दशक के मशहूर विलेन मनमोहन के बारे में कहा जाता है कि मनोज कुमार (Manoj Kumar), शक्ति सामंत और प्रमोद चक्रवर्ती कोई फिल्म बनाते थे तो उनसे बिना पूछे ही अपनी फिल्मों में रोल दे देते थे. इसी दोस्ती का फायदा उठाकर मनमोहन ने विनोद खन्ना (Vinod Khanna) की जिंदगी बदल दी थी.
मनमोहन की एक महीने में 14 फिल्में रिलीज हुई थी
शंकर-जयकिशन के करीबी माने जाने वाले मनमोहन ने बतौर खलनायक फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा सिक्का जमाया था कि एक ही महीने में 14 फिल्में प्रदर्शित हुई थीं. कभी किसी को काम के लिए मना नहीं करने वाले मनमोहन को यारों का यार माना जाता था. बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, संजीव कुमार, जितेंद्र, सुजीत कुमार के करीबी दोस्त मनमोहन ने अपनी दोस्ती की वजह से ही विनोद खन्ना की फिल्मों में एंट्री करवाई थी. बता दें कि विनोद की एंट्री फिल्म इंडस्ट्री में बतौर विलेन ही हुई थी, लेकिन खुद मनमोहन की फिल्मों में एंट्री की कहानी बड़ी ही मजेदार है.
मनमोहन से खुश हो गए थे मुकरी-टुनटुन
जमशेदपुर के बिजनेसमैन फैमिली से आने वाले मनमोहन को बचपन से ही एक्टिंग की धुन सवार थी. मनमोहन के भतीजे विनय ने एक बार मीडिया को बताया था कि ‘जमशेदपुर में साकची के आम बागान में उस दौर के मशहूर कॉमेडी एक्टर मुकरी, टुनटुन का एक प्रोग्राम होना था. वहां एक होटल में ये टीम ठहरी हुई थी. इसकी जानकारी जब मनमोहन को मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. एक्टिंग के शौकीन मनमोहन होटल पहुंच गए और इन मशहूर कलाकारों की खूब खातिरदारी की. मनमोहन से ये लोग इतने प्रभावित हुए कि अपने साथ ही मुंबई लेकर चले गए’.
मनमोहन के बेटे नितिन मनमोहन हैं फिल्म निर्माता
मायानगरी मुंबई में जमशेदपुर का नाम रौशन करने वाले मनमोहन ने ‘शहीद’, ‘जानवर’, ‘गुमनाम’, ‘अराधना’, ‘हमजोली’, ‘क्रांति’, ‘अमर प्रेम’ जैसी फिल्मों में शानदार अदाकारी का जबरदस्त सिक्का जमाया था. कहते हैं कि राजेश खन्ना की लगभग हर फिल्म में मनमोहन होते थे. 26 अगस्त 1979 को मनमोहन का निधन हो गया था. जब तक रहे शान की जिंदगी जिए. मनमोहन के बेटे नितिन मनमोहन भी फेमस फिल्म प्रोड्यूसर-डायरेक्टर हैं जिन्होंने ‘बोल राधा बोल’, ‘लाडला’, ‘दीवानगी’, ‘भूत’ और ‘यमला पगला दीवाना’ जैसी फिल्में बनाई हैं.
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