Suchitra Sen Birth Anniversary: हिंदी और बंगाली सिनेमा की मशहूर अदाकार सुचित्रा सेन (Suchitra Sen) अपनी फिल्मों के साथ-साथ अपनी पर्सनल लाइफ की वजह से काफी सुर्खियों में रहीं. 6 अप्रैल 1931 को बांग्लादेश के पाब्ना में पैदा हुईं सुचित्रा की बेटी मुनमुन सेन (Moon Moon Sen) और नातिन राइमा सेन (Raima Sen) और रिया सेन (Riya Sen) भी जानी मानी अदाकारा हैं. सादगी, खूबसूरती और शानदार अभिनय से लैस सुचित्रा को फिल्म ‘देवदास’ और ‘आंधी’ के लिए खास तौर पर जाना जाता है. एक्ट्रेस बर्थ एनीवर्सरी पर बताते हैं सुचित्रा की जिंदगी के रहस्यमय किस्से.
अपने जमाने में करोड़ों दिलों पर राज करने वाली सुचित्रा सेन की तुलना हॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस ग्रेटा गार्बो से की जाती थी. ग्रेटा 30-40 के दशक की मशहूर हॉलीवुड एक्ट्रेस थीं. बांग्ला सिनेमा की टॉप एक्ट्रेस ने जब बॉलीवुड में कदम रखा तो देखते ही देखते छा गईं. अपनी शर्तों पर फिल्में करने वाली सुचित्रा के लिए कहते हैं कि मामूली सी बात पर हिंदी सिनेमा के शोमैन राज कपूर की फिल्म का प्रपोजल ठुकरा दिया था.
राज कपूर को लगा था झटका
इसके पीछे का किस्सा सुनकर आपको सुचित्रा सेन की पर्सनैलिटी को समझने का मौका मिलेगा. दरअसल, राज कपूर ने अपनी एक फिल्म में सुचित्रा को लेने का फैसला किया तो मिलने गए. औपचारिकता में राज कपूर फूल लेकर गए थे, लेकिन सुचित्रा को राज कपूर का फूल लाना पसंद नहीं आया और फिल्म में काम करने से ही इनकार कर दिया. जबकि ये वो दौर था कि हर एक्टर-एक्ट्रेस राज कपूर के साथ काम करने के लिए तैयार रहते थे. सुचित्रा का इनकार उनके लिए किसी झटके से कम नहीं था.
पहली हिंदी फिल्म के लिए मिला बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड
सुचित्रा सेन ने सबसे पहले बिमल रॉय की हिंदी फिल्म ‘देवदास’ में काम किया था. अपनी पहली हिंदी फिल्म में एक्ट्रेस ने खूबसूरती और एक्टिंग का ऐसा कमाल दिखाया कि बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड अपने नाम कर लिया. सुचित्रा ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर बनी फिल्म ‘आंधी’ में काम किया. ये फिल्म काफी विवादों में रहीं लेकिन एक्ट्रेस को खूब सराहना मिली. कहते हैं कि अपनी पूरी जिंदगी सुचित्रा ने सिर्फ 61 फिल्मों में काम किया, जिसमें से 6 हिंदी फिल्में थीं.
25 साल बाद फिल्म और सार्वजनिक जीवन से ले लिया सन्यास
सुचित्रा सेन की कम उम्र में ही बिजनेसमैन आदिनाथ सेन से शादी हो गई थी. शादी के बाद सुचित्रा ने फिल्मों में कदम रखा था. कई सफल फिल्मों में काम करने वाली सुचित्रा की लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव भी आए. 1978 में सुचित्रा की फिल्म ‘प्रनोय पाशा’ फ्लॉप हो गई, ये सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर पाईं और अपने 25 साल के फिल्मी करियर से सन्यास ले लिया. इतनी दुखी हुईं कि कहीं आना-जाना भी छोड़ दिया. खुद को हमेशा एक कमरे में बंद रखतीं, बाहर निकलती भी तो अपना चेहरा ढंक कर रखती.
निधन के बाद भी घरवालों ने नहीं दिखाया चेहरा
सुचित्रा सेन ने खुद को इस तरह से कैद कर लिया था कि जब उन्हें दादा साहेब फाल्के जैसे मशहूर अवॉर्ड देने के लिए बुलाया गया तो सिर्फ इस वजह से ठुकरा दिया कि उन्हें फंक्शन में जाना बंद कर दिया था. लंग इंफेक्शन की वजह से एक महीने तक इलाज के बाद 17 जनवरी 2014 में दुनिया छोड़ गईं. कहते हैं कि इलाज के दौरान भी अपना चेहरा ढंककर रखती थी. उनकी इस चाहत का मान अंतिम संस्कार के समय भी रखा गया. निधन के बाद भी घरवालों ने उनका चेहरा किसी को नहीं दिखाया, यहां तक कि अंतिम संस्कार के समय भी चेहरा पूरी तरह से ढंक कर रखा गया था.
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