B'day Special: नेपोटिज्म को बकवास बताने वाले अमित त्रिवेदी की जिंदगी ‘आमिर’ ने बदली

अमित त्रिवेदी को बर्थडे की शुभकामना.(फोटो साभार:itsamittrivedi /Instagram)
म्यूजिक डायरेक्टर कम्पोजर और सिंगर अमित त्रिवेदी (Amit Trivedi) 'सर्वश्रेष्ठ संगीतकार' के राष्ट्रीय पुरस्कार (National Film Award for Best Music Director) से भी नवाजे जा चुके हैं. संगीत में ही जीने-मरने वाले अमित आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: April 8, 2021, 6:03 AM IST
मुंबई: मशहूर सिंगर और कम्पोजर अमित त्रिवेदी (Amit Trivedi) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. इस वर्सेटाइल सिंगर (Versatile Singer Musician) का जन्म 8 अप्रैल 1979 में मायानगरी के बांद्रा इलाके में हुआ था. अमित का परिवार गुजरात से ताल्लुकात रखता है. अमित ने अपने संगीत करियर की शुरुआत कॉलेज के दिनों से ही कर दी थी. फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले ही कई एल्बम लांच कर लिए थे. अमित त्रिवेदी थिएटर, एड फिल्म और गैर-फिल्मी एल्बम्स में संगीतकार के रूप में काम करते हुए काफी परिपक्व हो गए थे. उन्हें तलाश थी एक ऐसे मौके की जो उनके हुनर से फिल्म इंडस्ट्री में परिचय करवा सके. यह मौका मिला 2008 में आई फिल्म ‘आमिर (Aamir) से, इसी फिल्म से संगीतकार के तौर पर बॉलीवुड में अमित की एंट्री हुई. इस फिल्म के संगीत लिए लोगों ने अमित की जमकर तारीफ की.
सन 2009 में फिल्म 'देव डी' में अनुराग कश्यप ने अमित त्रिवेदी को संगीत देने का मौका दिया. इस फिल्म के म्यूजिक और गाने इस कदर हिट हुए कि अमित ने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा. 'देव डी' में संगीत देने के लिए उन्हें पॉपुलैरिटी के साथ-साथ 2010 के 'सर्वश्रेष्ठ संगीतकार' का राष्ट्रीय पुरस्कार जैसा बड़ा सम्मान मिला.
अमित त्रिवेदी, सुशांत सिंह राजपूत की मौत के निधन के बाद काफी चर्चा में आ गए थे. अमित ने सुशांत की कई फिल्मों में गाने गाए और कंपोज किए हैं. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था, 'जब भी मैं इन गीतों को स्टेज पर पेश करूंगा या उन्हें बजाऊंगा, तो दिमाग में सबसे पहली चीज सुशांत की आएगी. कारण जो भी हो लेकिन उन्होंने यह कदम उठाया, लेकिन मैं सचमुच बिखर गया था और मेरा दिल टूट गया था’. सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान लीड रोल वाली फिल्म 'केदारनाथ' के गाने 'नमो नमो शंकरा' के अलावा कई गानों को अमित त्रिवेदी ने अपनी आवाज दी है.
सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद जब नेपोटिज्म पर जमकर बहस हो रही थी तब अमित त्रिवेदी ने नेपोटिज्म को बकवास बताया था. अमित ने इसकी मुखालफत करते हुए कहा था कि ‘यह सबसे अधिक समय बर्बाद करने वाला विषय है. भाई-भतीजावाद नाम की कोई चीज म्यूजिक इंडस्ट्री में नहीं है’.
सन 2009 में फिल्म 'देव डी' में अनुराग कश्यप ने अमित त्रिवेदी को संगीत देने का मौका दिया. इस फिल्म के म्यूजिक और गाने इस कदर हिट हुए कि अमित ने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा. 'देव डी' में संगीत देने के लिए उन्हें पॉपुलैरिटी के साथ-साथ 2010 के 'सर्वश्रेष्ठ संगीतकार' का राष्ट्रीय पुरस्कार जैसा बड़ा सम्मान मिला.
अमित त्रिवेदी, सुशांत सिंह राजपूत की मौत के निधन के बाद काफी चर्चा में आ गए थे. अमित ने सुशांत की कई फिल्मों में गाने गाए और कंपोज किए हैं. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था, 'जब भी मैं इन गीतों को स्टेज पर पेश करूंगा या उन्हें बजाऊंगा, तो दिमाग में सबसे पहली चीज सुशांत की आएगी. कारण जो भी हो लेकिन उन्होंने यह कदम उठाया, लेकिन मैं सचमुच बिखर गया था और मेरा दिल टूट गया था’. सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान लीड रोल वाली फिल्म 'केदारनाथ' के गाने 'नमो नमो शंकरा' के अलावा कई गानों को अमित त्रिवेदी ने अपनी आवाज दी है.
