B'day Special: 'सत्या' को मना करने वाले थे सौरभ शुक्ला, बाद में इसी फिल्म से मिली पहचान

बॉलीवुड के 'कल्लू मामा' सौरभ शुक्ला का 5 मार्च को जन्मदिन है. (फोटो साभार: Network 18)
बॉलीवुड में कई ऐसे फिल्म कलाकार (Film Artist) हैं जो भले ही को एक्टर का रोल निभाते हैं, लेकिन मेन लीड रोल करने वाले हीरो को भी पछाड़ देते हैं. ऐसे ही एक एक्टर हैं सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla), जिन्होंने थियेटर से बॉलीवुड में कदम रखा और दर्शकों के दिल पर छा गए.
- News18Hindi
- Last Updated: March 5, 2021, 6:30 AM IST
मुंबई: कल्लू मामा के नाम से मशहूर बॉलीवुड एक्टर सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla) का जन्म 5 मार्च को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शहर गोरखपुर (Gorakhpur) में हुआ था. सौरभ का जन्म भले ही यूपी के पूर्वांचल में हुआ हो, लेकिन इनकी पढ़ाई लिखाई दिल्ली (Delhi ) में हुई है. सौरभ के जन्म के दो साल बाद ही इनका परिवार दिल्ली आ गया था. सौरभ ने अपनी स्कूलिंग दिल्ली से की और ग्रेजुएशन भी दिल्ली के खालसा कॉलेज से किया. सौरभ शुक्ला का पहला प्यार थियेटर रहा है. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (National School Of Drama) से थियेटर से एक्टिंग की बारिकियां सीखने वाले सौरभ के नाम कई बेहतरीन प्ले है.
सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla) को कला विरासत में मिली है. इनकी मां जोगमाया शुक्ला भारत की पहली महिला तबला वादक थीं तो उनके पिता शत्रुघ्न शुक्ला आगरा घराने के एक संगीतकार थे. मीडिया से बात करते हुए सौरभ शुक्ला ने बताया था कि उनकी मां और पिता दोनों कलाकार तो थे ही दोनों ही फिल्मों के भी बेहद रसिया थे. ये अक्सर अपने बच्चों को लेकर फिल्में देखने जाते थे. सौरभ को बचपन से अपने घर में फिल्मी माहौल मिला. इनकी मां ने ही इन्हें एक्टिंग करने की राह दिखाई.
सौरभ शुक्ला ने बॉलीवुड में मशहूर निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर की 'बैंडिट क्वीन' से कदम रखा. इस फिल्म में सौरभ शुक्ला की एक्टिंग दर्शकों को पसंद आई. इसके बाद वह 'इस रात की सुबह नहीं', 'करीब' और 'जख्म' जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन सौरभ शुक्ला के काम को असली पहचान और नाम रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' से मिली. इस फिल्म में उन्होंने गैंगस्टर कल्लू मामा का किरदार निभा अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा दिया. कल्लू मामा का रोल प्ले करने के बाद सौरभ शुक्ला को इसी नाम से जाना जाने लगा.
सौरभ शुक्ला ने एक फिल्म फेस्टिवल में बताया था कि वह सत्या फिल्म में काम नहीं करना चाहते थे. इस फिल्म को केवल कल्लू मामा के रोल के लिए किया था. तब सौरभ को क्या पता था कि ये किरदार इनके एक्टिंग करियर में मील का पत्थर साबित हो जाएगा. बता दें कि सौरभ ‘सत्या’ के को राइटर भी हैं, अनुराग कश्यप के साथ मिलकर इस फिल्म को लिखा है.
सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla) को कला विरासत में मिली है. इनकी मां जोगमाया शुक्ला भारत की पहली महिला तबला वादक थीं तो उनके पिता शत्रुघ्न शुक्ला आगरा घराने के एक संगीतकार थे. मीडिया से बात करते हुए सौरभ शुक्ला ने बताया था कि उनकी मां और पिता दोनों कलाकार तो थे ही दोनों ही फिल्मों के भी बेहद रसिया थे. ये अक्सर अपने बच्चों को लेकर फिल्में देखने जाते थे. सौरभ को बचपन से अपने घर में फिल्मी माहौल मिला. इनकी मां ने ही इन्हें एक्टिंग करने की राह दिखाई.
सौरभ शुक्ला ने बॉलीवुड में मशहूर निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर की 'बैंडिट क्वीन' से कदम रखा. इस फिल्म में सौरभ शुक्ला की एक्टिंग दर्शकों को पसंद आई. इसके बाद वह 'इस रात की सुबह नहीं', 'करीब' और 'जख्म' जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन सौरभ शुक्ला के काम को असली पहचान और नाम रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' से मिली. इस फिल्म में उन्होंने गैंगस्टर कल्लू मामा का किरदार निभा अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा दिया. कल्लू मामा का रोल प्ले करने के बाद सौरभ शुक्ला को इसी नाम से जाना जाने लगा.