फिरोज खान ने 60 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की और कई सुपरहिट फिल्में दी. (फोटो साभार-Instagram)
मुंबई. साल 2007 में रिलीज हुई अनीस बज्मी कॉमेडी फिल्म ‘वेलकम’ (Welocme) में आरडीएक्स का किरदार निभाने वाले अभिनेता फिरोज खान की ये आखिरी फिल्म थी. बॉलीवुड में करीब 4 दशकों तक अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाने वाले फिरोज खान बॉलीवुड के फैशन आईकॉन माने जाते रहे हैं. 25 सितंबर 1939 को बैंगलुरु में जन्मे फिरोज के पिता सादिक एक अफगानी पठान थे.
फिरोज की मां फातिमा ईरान की थीं. अपने तीन भाइयों के साथ बड़े हुए फिरोज बचपन से ही कद काठी और रंग में काफी आकर्षक थे. फिरोज को देखकर उन्हें हर कोई बॉलीवुड में हीरो बनने की भी सलाह दिया करता था.
कम उम्र से ही करते रहे शिकार
फिरोज बचपन से ही शाही शौक रखते थे और फिल्मों में आने से पहले 14 टाइगर्स का शिकार कर चुके थे. इन टाइगर्स का शिकार कर फिरोज ने उन्हें अपने बार काउंटर पर सजा कर रखा था. हालांकि फिरोज जब बड़े हुए तो उन्हें अपने शिकार के शौक पर काफी अफसोस रहा. बॉलीवुड में करीब 70 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग करने के साथ फिरोज ने कई फिल्मों को डायरेक्ट और प्रोड्यूस भी किया है.
साल 1956 में बॉलीवुड में कदम रखने वाले फिरोज को बॉलीवुड का पहला फैशन आईकॉन भी माना जाता है. साल 2009 में फिरोज खान का 69 साल में निधन हो गया. फिरोज खान का असली नाम जुल्फिकार अली शाह खान था. फिरोज ने पहली फिल्म साल 1956 में रिलीज हुई ‘हम सब चोर हैं’ में एक छोटा किरदार निभाया. यहीं से फिरोज का सफर शुरू हो गया.
कई शानदार फिल्मों में काम कर हासिल की शौहरत
इसके बाद फिरोज ने बड़े सरकार, जमाना, दीदी, घर की लाज और मिस्टर इंडिया जैसी फिल्मों में कई अहम किरदार निभाए. फिरोज खान को सबसे ज्यादा पहचान मिली साल 1965 में रिलीज हुई फिल्म ऊंचे लोग से. इस फिल्म से फिरोज खान जाना माना नाम बन गए. इ
सके बाद फिरोज ने भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई लीड किरदारों में अपनी खूबसूरती और एक्टिंग स्किल्स से लोगों का दिल जीता. फिरोज खान स्पोर्ट्स कारों के काफी शौकीन रहे हैं और सांई बाबा में गहरी आस्था रखते थे. अपनी फिल्म अपराध और जानाशीन में फिरोज ने स्पोर्ट्स कारें भी दौड़ाईं हैं. फिरोज खान को उनकी फिल्में ऊंचे लोग, मैं वहीं हूं, आग, मेला, उपासना, धर्मात्मा, कुर्बानी, जांबाज और दयाबान के लिए जाना जाता है.
खूबसूरती की दीवानी थीं लाखों लड़कियां
एक दौर ऐसा था कि फिरोज की लंबी कद काठी और गोरे चेहरे पर लाखों लड़कियां दिल हारा करती थीं. करियर के पीक पर फिर फिरोज खान ने साल 1965 में सुंदरी नाम की लड़की से शादी कर ली. फिरोज और सुंदरी के 2 बच्चे लैला और फरदीन हुए. फरदीन भी बॉलीवुड अभिनेता हैं और रोहित शेट्टी की फिल्म ऑल द बेस्ट में नजर आए थे. फिरोज खान मुस्लिम होने के बाद भी सांई बाबा की पूजा करते थे और मौलवियों के ऑब्जेक्शन के बाद भी फिरोज खान ने अपने बच्चों को दूसरे धर्म में शादी करने की इजाजत दी.
फिरोज खान एक्टिंग के साथ पर्दे के पीछे भी महारथ हासिल करते रहे. फिरोज ने अपने करियर में कुल 8 फिल्में डायरेक्ट भी कीं और 9 से ज्यादा फिल्में प्रोड्यूस कीं. फिरोज खान का साल 2009 में निधन हो गया. लेकिन फिरोज खान के फिल्मी किरदार हमेशा के लिए अमर हो गए. फिरोज की आखिरी फिल्म वेलकम में आरडीएक्स का किरदार फैन्स के दिल में हमेशा अमर रहेगा.
फिरोज खान एक और बात के लिए काफी फेमस रहे हैं. फिरोज कभी भी रविवार को काम नहीं करते थे. अपने उसूलों के पक्के फिरोज को अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म हेरा फेरी ऑफर हुई थी. इस फिल्म में फिरोज को रविवार को शूटिंग करनी थी और फिरोज ने ऐसा करने से इंकार कर दिया. बाद में ये किरदार अमिताभ बच्चन को ऑफर किया गया. बाद में ये फिल्म एक क्लासिक फिल्म बन गई.
राजकुमार की भी निकाल दी थी अकड़
बता दें कि फिरोज खान एक दबंग व्यक्तित्व के अभिनेता थे. एक बार फिरोज खान ने बॉलीवुड सुपरस्टार रहे राजकुमार की भी अकड़ ठिकाने लगा दी थी. इसका किस्सा भी बॉलीवुड गलियारों में छाया रहता है. दरअसल साल 1965 में राजकुमार के साथ फिरोज ने एक फिल्म ऊंचे लोग की थी. इस फिल्म की शूटिंग के समय जब एक सीन में राजकुमार और फिरोज साथ आए तो दोनों का तालमेल नहीं बैठ पा रहा था.
कई बार रीटेक होने के बाद राजकुमार ने गुस्से में फिरोज को फटकार लगा दी और एक्टिंग टिप्स देने की बात कही. फिरोज उन दिनों इंडस्ट्री में नए थे जबकि राजकुमार स्टार बन गए थे. इसके बाद भी फिरोज बिल्कुल डरे नहीं और राजकुमार को जवाब देते हुए कहा था कि अच्छा होगा अगर आप अपना काम करें.
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