शम्मी कपूर और गीता बाली. फोटो साभार- @shammi_kapoor_143/Instagram
मुंबई. शम्मी कपूर (Shammi Kapoor) को भारतीय सिनेमा के 'एल्विस प्रेस्ली' माना जाता हैं. आज 21 अक्टूबर को उनकी 89वीं बर्थ एनिवर्सरी (Shammi Kapoor 89th Birth Anniversary) है. 21 अक्टूबर 1931 के दिन शम्मी कपूर का जन्म मुंबई में हुआ था, उनके पिता पृथ्वीराज कपूर ने उस समय शम्मी कपूर का नाम 'शमशेर राज कपूर' रखा था, लेकिन बाद में वह शम्मी कपूर हो गए. बॉलीवुड इंडस्ट्री में शम्मी कपूर ने पूरे 5 दशक तक अपना दबदबा कायम रखा था और इस लंबे काल में उन्होंने करीब 200 फिल्मों में काम किया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शम्मी कपूर की लगातार फ्लॉप हो रही फिल्मों के बाद भी सफल अभिनेत्री गीता बाली (Geeta Bali) कैसे उनसे शादी को राजी हो गईं और शादी के बाद कैसे उन्होंने शम्मी साहब का हौसला बढ़ाती गईं.
नहीं मिला था कपूर नाम का फायदा
दरअसल एक वक्त ऐसा था जब शम्मी कपूर ने बॉलीवुड को अलविदा कहने का फैसला कर लिया था. अपना कॉलेज छोड़कर बतौर जूनियर एक्टर शम्मी ने पिता पृथ्वीराज के साथ थिएटर करना शुरू कर दिया. उनकी मेहनत को लोगों ने सराहा और साल 1953 में उन्हें उनकी पहली फिल्म 'जीवन ज्योति' भी मिल गई, लेकिन शम्मी चल न सके. वो राज कपूर के अभिनय की नकल करने वाले अभिनेता के तौर पर स्थापित होने लगे थे. हालांकि कपूर नाम का फायदा उन्हें मिला और कई फिल्मों के फ्लॉप हो जाने के बावजूद भी इंडस्ट्री ने उन्हें कभी खारिज नहीं किया.
गीता बाली की शादी के लिए रखी थी शर्त
इसी बीच शम्मी ने 'मिस कोका कोला' में उनकी सहअभिनेत्री रहीं गीता बाली से शादी कर ली. उस समय गीता शम्मी से बड़ी कलाकार थीं, लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि शम्मी का सितारा एक दिन चमकेगा. शूटिंग के दौरान ही अचानक एक दिन उन्होंने शम्मी कपूर से शादी करने का फैसला कर लिया. गीता बाली ने शम्मी के सामने शर्त रखी कि वह आज ही शादी करेंगी. इसके बाद दोनों पास के ही एक मंदिर गए और मांग में लिपस्टिक लगाकर पूरे फिल्मी अंदाज में विवाह बंधन में बंध गए.
शादी के बाद भी नहीं बदल रही थी किस्मत
शादी के बाद भी शम्मी की किस्मत नहीं चमकी और वह ऑन स्क्रीन पत्नी गीता बाली के साथ भी फ्लॉप हुए. फिल्म 'रंगीन रातें' में गीता के साथ नजर आए शम्मी की फिल्में जब एक के बाद एक फ्लॉप होने लगी तो वो निराश हो गए. शम्मी को लगने लगा था कि शायद अभिनय उनके लिए नहीं है. इसी निराशा में उन्होंने एक दिन गीता से कहा कि अगर उनकी अगली फिल्म फ्लॉप हुई तो वो फिल्मों से संन्यास लेकर असम के चाय बागान में मैनेजर की नौकरी संभाल लेंगे.
ये फिल्म बनीं टर्निंग प्वाइंट
गीता बाली लगातार कहती रहीं कि शम्मी में स्टार बनने के सारे गुण हैं. वह लगातार उन्हें हौसला देती गईं. फिल्म 'तुमसा नहीं देखा', जिसे नासिर हुसैन बना रहे थे. देव आनंद को फिल्में लिखकर हिट करने वाले नासिर हुसैन बतौर निर्देशक 'तुमसा नहीं देखा' बनाई, जिसके लिए उन्होंने शम्मी कपूर पर दांव खेला.
गीता बाली के देहांत से टूट गए थे शम्मी कपूर
शम्मी कपूर की पहली पत्नी एक्ट्रेस गीता बली थीं, जिनके साथ उनके दो बच्चे हुए कंचन और मिक्की. लेकिन 1960 में स्मॉल पॉक्स के कारण गीता बली का देहांत हो गया था. अपने प्यार की मौत से शम्मी कपूर को बहुत गहरा झटका लगा था, जिसके बाद वह गुमसुम से रहने लगे थे. उनके हेल्थ पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ा था, वह बहुत मोटे हो गए थे और उनका करियर भी बहुत प्रभावित हुआ था. हालांकि बाद में अपने घरवालों के कहने पर शम्मी कपूर ने भावनगर की रानी नीला देवी से दूसरी शादी कर ली थी.
जब शम्मी साहब ने खुद कहा था, 'यहां से मुझे पीछे नहीं देखना है'
शम्मी ने तब एक इंटरव्यू में कहा था कि यंग ऑडियंस को मेरा काम पसंद आ रहा था और उनको मैं हीरो दिखने लगा था. वो फिल्म बहुत जरूरी थी, मेरे लिए और शायद हम सभी के लिए. मुझे पता था कि अब यहां से मुझे पीछे नहीं देखना है. इस फिल्म के बाद शम्मी कपूर की फिल्मों ने कमाल का बिजनेस करना शुरू कर दिया और उनका एक ऑडियंस बेस बन गया. जानवर, जंगली, प्रोफेसर, दिल देके देखो जैसी फिल्मों के साथ वो आज भी बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्मों के हिट हीरो हैं.
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