बंबई उच्च न्यायालय ने अभिनेता सलमान खान की संलिप्तता वाले 2002 के हिट-एंड-रन मामले में सोमवार को अपना फैसला लिखाना शुरू किया और कहा कि प्राथमिकी अभिनेता के नशे में होने के बारे में चुप है जबकि इसे मामूली बात नहीं समझा जा सकता। न्यायमूर्ति ए आर जोशी ने फैसला लिखाने के दौरान खुली अदालत में कहा कि प्राथमिकी अपीलकर्ता के नशे में होने की बात पर चुप है, गवाह की यह चूक मामूली नहीं समझी जा सकती।
न्यायमूर्ति जोशी ने कहा कि सलमान खान के नशे में होने के मुद्दे का आलोचनात्मक ढंग से परीक्षण किया जाना है क्योंकि इस घटना में घायल लोगों की गवाही छोटी मोटी त्रुटियां से रहित नहीं है। न्यायालय खान की अपील पर इसी हफ्ते अपने फैसले पर पहुंच सकता है जिन्होंने इस साल छह मई को मुम्बई सत्र अदालत से मिली पांच साल की कैद की सजा को चुनौती दी है।
न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन गवाह पीडब्ल्यू (अभियोजन गवाह-3) यानी मन्नु खान ने गवाही दी थी कि उसे ऐसा लगा था कि सलमान नशे में हैं क्योंकि जब वह दुर्घटनास्थल पर कार से निकले तो वह दो बार गिर पड़े, फिर खड़े हुए और वहां से चले गए। न्यायमूर्ति जोशी ने कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि प्रथम सूचनाप्रदाता (रवींद्र पाटिल) ने जब प्राथमिकी दर्ज की तब उनका ध्यान इस पर नहीं गया क्योंकि प्राथमिकी में अल्कोहल शब्द का जिक्र नहीं है।
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FIRST PUBLISHED : December 08, 2015, 07:54 IST