News18 के साथ जावेद जाफरी की एक्सक्लूसिव बातचीत.
नई दिल्ली. 25 अप्रैल को जी सिनेमा पर वरुण धवन और सारा अली खान की फिल्म 'कुली नंबर 1 (Coolie No. 1)' दोपहर 12 बजे से दिखाया जाएगा. वहीं, इस फिल्म में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता जावेद जाफरी (Javed Jaffrey) भी एक अहम भूमिका में हैं. साल 1985 में आई फिल्म 'मेरी जंग' से 2020 की फिल्म 'कुली नंबर 1' तक यानी पिछले 3 दशकों से बड़े पर्दे पर धमाल मचाने वाले जावेद जाफरी ने News18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में अपनी फिल्म 'कुली नं 1' से बॉलीवुड में नेपोटिज्म और रियलिटी डांस शोज पर अपनी राय रखी.
टीवी पर 'कुली नंबर 1' पर आ रही है, इसे लेकर कितने एक्साइटेड हैं?
इस सवाल का जवाब देते हुए जावेद जाफरी ने बताया कि रियल हिन्दुस्तान वह टेलीविजन को ही मानते हैं. उनके अनुसार जो असली दर्शक होते हैं, वह टेलीविजन के ही होते हैं, क्योंकि इस माध्यम से देशभर के लोगों का जुड़ाव है और इसलिए 'कुली नंबर 1' के टीवी पर आने से जावेद जाफरी काफी एक्साइटेड हैं.
शूटिंग के दौरान वरुण धवन और सारा अली खान के साथ आपकी बॉन्डिंग कैसी थी?
फिल्म में मैंने सिर्फ वरुण धवन और सारा अली खान के साथ ही काम नहीं किया, बल्कि राजपाल यादव और परेश रावल जैसे कई दिग्गजों के भी काम किया और इन सबके साथ मेरी बॉन्डिंग काफी अच्छी रही, खासकर डेविड धवन के साथ. 'कुली नंबर 1' एक पुरानी फिल्म थी, जिसे आज के समय के साथ रीक्रीएट किया गया, जिसमें हमें सफलता मिली.
OTT के बजाए फिल्म 'कुली नंबर 1' अगर सिनेमाघरों में रिलीज होती तो कितना चेंज होता?
देखिए, चेंज तो देखने को मिलता. अगर हम ओटीटी की बात करते हैं, तो यहां एक सीमित सब्सक्राइबर्स हैं. वहीं, फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होती तो ये ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंच पाती. जब जावेद जाफरी से पूछा गया कि क्या इस मामले में फिल्म रिव्यू में भी कोई फर्क देखने को मिलता, तो उन्होंने कहा कि आज के समय में फिल्म रिव्यू का असर ज्यादा देखने को नहीं मिलता. ऐसा कई बार देखा गया है कि किसी फिल्म का रिव्यू अच्छा नहीं है, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म हिट रहती है और ऐसा भी कई बार देखा गया कि किसी फिल्म को अच्छा रिव्यू मिला है, लेकिन वह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ कमाल नहीं कर पाती.
'Boogie Woogie' और आज के रियलिटी डांस शोज में आप क्या अंतर देखते हैं?
हमारा शो 'Boogie Woogie' स्क्रिप्टेड नहीं होता था, लेकिन आज के रियलिटी शोज थोड़े बहुत स्क्रिप्टेड होते हैं. जब उनसे पूछा गया कि जिस तरह आज के रियलिटी शोज इमोशनली दर्शकों के साथ जुड़ रहे हैं और किसी कंटेस्टेंट्स की रियल लाइफ कैसी है उसे टीवी पर दिखा रहे हैं, क्या ये सही है? इस पर उन्होंने कहा कि कुछ हद तक ठीक भी है, और कुछ हद तक नहीं भी. देखिए, उनकी जिंदगी की कहानियों को देखकर बहुत से लोग प्रभावित होते हैं, उससे उनके हौसले बुलंद होते हैं.
आदि मानव की जोड़ी को बेहद पसंद किया गया... क्या फिर आपकी और अरशद वारसी की जोड़ी साथ नजर आने वाले है?
फिल्म 'धमाल' के हर पार्ट में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जोड़ी आदि और मानव यानी जावेद जाफरी और अरशद वारसी एक बार फिर साथ नजर आएंगे. जावेद ने कहा कि इस फिल्म का चौथे पार्ट जरूर आएगा, और दर्शकों को यह जोड़ी एक बार फिर साथ देखने को मिलेगी.
बॉलीवुड में नेपोटिज्म है या नहीं?
इस सवाल पर जावेद जाफरी ने कहा कि कैसा नेपोटिज्म और कौन सा नेपोटिज्म... ये नेपोटिज्म वर्ड आया कहां से समझ नहीं आता. उन्होंने कहा कि बॉक्स ऑफिस पर अगर फिल्म चलती है तो टैलेंड के दम पर चलती है, न कि नेपोटिज्म के दम पर. कोई भी प्रोड्यूसर करोड़ों रुपये अपनी फिल्म में लगाता, तो जाहिर सी है कि वह टैलेंटे देखकर अपनी फिल्म में स्टारकास्ट करता है और यहां नेपोटिज्म कहां है? नेपोटिज्म राजनीति में चल सकता है कि फिल्मों में नहीं... यहां सिर्फ टैलेंट चलता है. अगर एक एक्टर का बेटा एक्टर बनता है, तो वह अपने टैलेंट से बनता है, अगर उसमें टैंलेट ही नहीं होगी तो कौन उसकी फिल्म को देखेगा.
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