Narendra Chanchal Popular Songs: माता की 5 भेटें, इनके बिना जगराते अधूरे

नरेंद्र चंचल का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है.
Narendra Chanchal Popular Songs: माता की भेंटें गाने वाले प्रसिद्ध गायक नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है. तीन दिनों से उनका इलाज दिल्ली के अपोलो अस्पताल में चल रहा था.
- News18Hindi
- Last Updated: January 22, 2021, 4:31 PM IST
मुंबई. माता की भेंटें गाने वाले प्रसिद्ध गायक नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है. नरेंद्र पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे. पिछले तीन दिनों से उनका इलाज दिल्ली के अपोलो अस्पताल में चल रहा था. उन्होंने आज दोपहर करीब 12.15 बजे अंतिम सांस ली. उन्होंने कई प्रसिद्ध भजनों के साथ हिंदी फिल्मों में भी गाने गाए हैं. 'चलो बुलावा आया है' (Chalo Bulawa Aaya Hai) हो या 'ओ जंगल के राजा मेरी मैया को लेके आजा' जैसी माता की भेटों (Narendra Chanchal Popular Songs) को अपनी आवाज देने वाले नरेंद्र चंचल ने कई माता की भेंटें गाकर लोगों के दिल में राज किया है.
नरेंद्र चंचल वह नाम, जिन्होंने माता के जगराते को अलग दिशा दी. उन्होंने न सिर्फ शास्त्रीय संगीत में अपना नाम बनाया बल्कि लोक संगीत में भी लोगों की दिल जीत लिया. नरेंद्र चंचल ने बचपन से ही अपनी मां कैलाशवती को मातारानी के भजन गाते हुए सुना. मां के भजनों को सुन-सुनकर उन्हें भी संगीत में रुची होने लगी. आप भी सुनिए उनकी ये प्रसिद्ध माता की भेटें.
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है...
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अंबे...
तेरी जय जय शेरावालिए...
कृपा कर दे मां हे जगजननी...
सोने के रथ पे सवार भवानी आई...
नरेंद्र चंचल की पहली गुरु उनकी मां थीं , इसके बाद चंचल ने प्रेम त्रिखा से संगीत सीखा, फिर वह भजन गाने लगे थे.
नरेंद्र चंचल वह नाम, जिन्होंने माता के जगराते को अलग दिशा दी. उन्होंने न सिर्फ शास्त्रीय संगीत में अपना नाम बनाया बल्कि लोक संगीत में भी लोगों की दिल जीत लिया. नरेंद्र चंचल ने बचपन से ही अपनी मां कैलाशवती को मातारानी के भजन गाते हुए सुना. मां के भजनों को सुन-सुनकर उन्हें भी संगीत में रुची होने लगी. आप भी सुनिए उनकी ये प्रसिद्ध माता की भेटें.
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है...
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अंबे...
तेरी जय जय शेरावालिए...
कृपा कर दे मां हे जगजननी...
सोने के रथ पे सवार भवानी आई...
नरेंद्र चंचल की पहली गुरु उनकी मां थीं , इसके बाद चंचल ने प्रेम त्रिखा से संगीत सीखा, फिर वह भजन गाने लगे थे.