सरदार मलिक के बेटे अनु मलिक ने संगीत की दुनिया में खूब झंडे गाढ़े और लंबे वक्त तक संगीत की दुनिया पर राज किया. (फोटो साभार-Instagram)
मुंबई. 40 के दशक में जब बॉलीवुड अपना आकार ले रहा था तभी एक नाबालिग लड़का गलती से मुंबई के एक मशहूर तबायफ कोठे में पहुंच गया. यहां बज रहे हारमोनियम और ताल के मिलन में जिंदगी का राग ढूंढने लगा. पंजाब से आया ये लड़का थोड़े ही सालों बाद बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और फिल्ममेकर गुरुदत्त के साथ एक ही कमरे में रहने लगा. लड़के नाम था सरदार मलिक. यही सरदार मलिक आगे जाकर बॉलीवुड जहीन म्यूजिक डायरेक्टर बने.
लेकिन संगीत के इस सितारे की चमक बिखरने से पहले ही दो दिग्गजों के बीच हुए झगड़े में लौ बुझ गई. हालांकि बाद में संगीत के इस बीज ने बॉलीवुड को ऐसे फल दिए जिन्होंने बॉलीवुड के संगीत का चेहरा ही बदल दिया. सरदार मलिक के बेटे अनु मलिक ने संगीत की दुनिया में खूब झंडे गाढ़े और लंबे वक्त तक संगीत की दुनिया पर राज किया.
बेटा ही नहीं सरदार मलिक का पोता अरमान मलिक अपने पिता और दादा से भी 2 कदम आगे निकल गए और इंटरनेशनल म्यूजिक इंडस्ट्री में अपने नाम सिक्का चलाया. आज हम आपको रूबरू करवाते हैं संगीत की ऐसी महान हस्ती से जिनकी मेहनत का फल उनकी अगली पीढ़ियों को मिला और उनका खुद का जीवन सघन संघर्ष में बीत गया. सरदार मलिक को कई बार मुंबई में सर्वाइव करने के लिए पत्नी के गहने तक बेचने पड़े.
संगीत से पहले डांस में की मास्टरी
13 जनवरी 1930 को पंजाब के कपूरथाला में जन्मे सरदार मलिक ने अपनी स्कूलिंग उत्तराखंड से की. यहीं अपनी पढ़ाई के दौरान सरदार मलिक ने अलमोड़ा के उदय शंकर इंडिया कल्चरल सेंटर से डांस की तालीम ली. सरदार मलिक ने कथकली, भरतनाट्यम और मणिपुरी जैसे फोक डांस में मास्टरी हासिल की. डांस के साथ ही सरदार मलिक ने उस्ताद अलाउद्दीन खान से संगीत की ट्रेनिंग हासिल की. इसके बाद 40 के दशक में फिल्मी दुनिया में नाम कमाने का सपना लिए मुंबई आ गए.
अपने करियर में 600 से ज्यादा गाने कंपोज करने वाले सरदार मलिक मुंबई में गुरुदत्त के रूममेट रहे. मुंबई में अपना मुकाम तलाशते सरदार स्टूडियोज के चक्कर काटते रहे और उनकी मेहनत रंग लाई. सरदार को साल 1945 में आई फिल्म चालीस करोड़ नानाबाई भट्ट को कोरियोग्राफ करने का मौका मिला. इसी दौरान फिल्म डायरेक्टर रमेश सहगल ने सरदार मलिक के संगीत प्रतिभा को पहचाना और 1947 में आई फिल्म रेणुका के लिए म्यूजिक कंपोज करने का ऑफर दिया. इस फिल्म के संगीत को काफी पसंद किया गया और लगातार ऑफर मिलते रहे. सरदार मलिक ने चोर बाजार, अबे हयात, मेरा घर मेरे बच्चे, सरगना पिक पॉकेट सतश्रीअकाल और निगाहें जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया. जिनमें से सरगना, अबे हयात, पिक पॉकेट और इंटरनेशनल गोरिल्ले जैसी फिल्मों का म्यूजिक खूब हिट रहा.
2 दिग्गजों के झगड़े में तबाह हो गया करियर
मुकेश से लेकर मोहम्मद रफी तक सरदार के संगीत के फैन थे. लेकिन सरदार मलिक का टैलेंट 2 दिग्गज सितारों के गुस्से और गुरूर में तबाह हो गया. इतना ही नहीं जिन सितारों की लड़ाई में सरदार का करियर डूब गया उनमें से एक को सरदार ने खुद अपने गानों में ही ब्रेक दिया था. दरअसल फिल्म खेद में सरदार मलिक ने म्यूजिक कंपोज किया था और इसी फिल्म में पहली बार साहिर लुधियानवी ने अपनी कलम का जादू बिखेरा था. हालांकि ये फिल्म रिलीज नहीं हो सकी. कुछ ही सालों बाद साहिर और लता मंगेशकर के बीच मेहनताने को लेकर काफी तनातनी होने लगी. साहिर अपने गानों के लिए लता मंगेशकर से 1 रुपया ज्यादा लिया करते थे.
इसी दौरान एक फिल्म में साहिर ने गाने लिखे और लता मंगेशकर इन गानों को आवाज दे रही थीं. गानों को कंपोज किया था सरदार मलिक ने. जब स्टूडियो में गाने की रिकॉर्डिंग हो रही थी तो एक गाने की लाइन में लता मंगेशकर कई बार अटक रही थीं. जिसके बाद लता मंगेशकर ने साहिर से इस लाइन को बदलने की बात कही. लेकिन साहिर ने इससे मना कर दिया जिसके बाद दोनों के बीच तनातनी का माहौल हो गया. लता मंगेशकर स्टूडियो छोड़कर चली गईं. साथ ही लता मंगेशकर सरदार मलिक से भी नाराज हो गईं क्योंकि उन्होंने लता का साथ नहीं दिया. बाद में सरदार मलिक को काम मिलना बंद हो गया और स्टूडियो के दरवाजे क्लोज होने लगे. कई बार कोशिश के बाद भी सरदार को काम नहीं मिला. इसी तरह 2 सितारों के गुस्से और गुरूर की भेंट एक टैलेंटेड संगीतकार का टैलेंट तबाह हो गया.
बोये ऐसे बीज कि बदल दिया बॉलीवुड का चेहरा
सरदार मलिक ने सारी उम्र संघर्ष करते रहे लेकिन उनके अजीज दोस्तों ने भी बुरे समय में उनका साथ नहीं दिया. लेकिन सरदार के मलिक के लिए किस्मत ने कुछ और ही प्लानिंग कर ली थी. सरदार मलिक के शादी के बाद 3 बेटे हुए. तीनों बेटों के नाम अनु मलिक, अबु मलिक और डब्बू मलिक हैं. सरदार मलिक ने अपने बेटों को बचपन से ही संगीत की तालीम दी और बड़े होकर अनु मलिक संगीत की दुनिया के बड़े सितारे बनकर उभरे.
अनु मलिक ने बॉलीवुड में करीब 2 दशक तक राज किया और 500 से ज्यादा हिट गानों को कंपोज किया. अनु मलिक के अलावा डब्बू मलिक ने भी पहले एक्टिंग में हाथ आजमाया और बाद में म्यूजिक कंपोजर बन गए. लेकिन सरदार के संघर्ष का फल तब मिला जब उनका पोता और डब्बू मलिक का बेटा अरमान मलिक गायकी की दुनिया में महज 20 साल में ही स्टार बन गए. अरमान मलिक ना केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया के हिट सिंगर्स में गिने जाते हैं. अरमान मलिक युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हैं और अपनी सफलता का श्रेय अपने दादाजी को भी देते हैं.
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