शम्मी कपूर का जन्म 21 अक्टूबर 1931 में हुआ था. (फोटो साभार: Film History Pics/Twitter)
फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज एक्टर शम्मी कपूर (Shammi Kapoor) 21 अक्टबूर को 1931 में पैदा हुए. इनका असली नाम शमशेर राज कपूर था. शम्मी कपूर की अभिनय शैली एक मस्त मौला एक्टर की थी, जो बेपरवाह एक्टर के रुप में स्क्रीन पर अवतरित हुए. शम्मी की यही अदा दर्शकों को भा गई. 1957 में नासिर हुसैन की फिल्म ‘तुमसा नहीं देखा’ (Tusmsa Nahi Dekha) शम्मी की पहली हिट फिल्म थी. इस फिल्म में उनका ड्रेसअप और अंदाज ऐसा था कि युवाओं के सिर चढ़कर बोलने लगा. इसके बाद शम्मी की आई फिल्म ‘दिल दे के देखो’ (Dil De Ke Dekho) और ‘जंगली’ (Junglee) ने उन्हें लवर बॉय बना दिया. जंगली में उनका बोला गया डायलॉग ‘याहू’ लोगों की जुबान पर चढ़ गया. इस फिल्म का गाना ‘चाहे कोई जंगली कहे’ आज भी सुना जाता है.
शम्मी कपूर को फिल्म इंडस्ट्री का पहला रॉकस्टार कह सकते हैं. अपनी को-एक्ट्रेस संग पर्दे पर छेड़खानी करते, बदमाशी वाली बिंदास अदा ही उन्हें अपने समकालीन एक्टर से जुदा करती है. झूम झूम कर डांस करने वाले शम्मी पर्दे पर जितने मस्त दिखते थे, असल जिंदगी में काफी दुखी थे. वजह थीं उनकी पहली वाइफ गीता बाली. फिल्म ‘रंगीन रातें’ की शूटिंग के दौरान शम्मी की गीता बाली से मुलाकात हुई. शम्मी इस फिल्म में लीड रोल में थे और गीता कैमियो थीं. लेकिन पहली मुलाकात में शम्मी गीता को दिल दे बैठे. प्यार हुआ, इकरार हुआ फिर दोनों ने जल्दी ही शादी कर ली. शम्मी और गीता के एक बेटा और बेटी हुई. दोनों की शादीशुदा जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी, लेकिन जीवन के बीच मंझधार में शम्मी को अकेला छोड़ गीता दुनिया से चली गईं.
गीता बाली की मौत ने शम्मी कपूर को भीतर से झकझोर दिया. शम्मी को न खाने की परवाह रह गई थी न घर की. उनके छोटे-छोटे बच्चे थे. शम्मी की ऐसी हालत देख घरवालों ने उन्हें दूसरी शादी करने की सलाह दी. दूसरी शादी के लिए शम्मी तैयार तो नहीं थे,लेकिन घरवालों का दबाव और बच्चों की खातिर नीला देवी से शादी कर ली.
नीला देवी से शादी तो शम्मी कपूर ने कर ली,लेकिन कहते हैं कि उनसे एक बड़ा वादा ले लिया था. मीडिया की खबरों के मुताबिक उन्होंने नीला देवी से शादी के समय ही वचन ले लिया कि कभी मां नहीं बनेंगी और उनके और गीता के दोनों बच्चों को ही अपना बच्चा मानेंगी. नीला ने शर्त मान ली.
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‘जंगली’, ‘प्रोफेसर’, ‘बाल ब्रह्मचारी’, ‘कश्मीर की कली’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘प्रिंस’, ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ जैसी शानदार फिल्मों बॉलीवुड को देने वाले शम्मी कपूर 14 अगस्त 2011 में दुनिया छोड़ गए.
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