शर्मिला टैगोर के बिकिनी शूट पर मचा था बवाल, एक्ट्रेस बोलीं- 'फोटोग्राफर ने कहा था ढक लो बॉडी'

शर्मिला टैगोर ने बताया कि उनकी जिंदगी के फैसले बिल्कुल अलग थे.
शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) ने जब 1966 में बिकिनी शूट कराया तो काफी बवाल मचा था. उन्होंने 1964 में 'कश्मीर की कली' फिल्म से बॉलीवुड डेब्यू किया था.
- News18Hindi
- Last Updated: January 25, 2021, 3:02 PM IST
नई दिल्ली: 60 के दशक में जब हिंदी सिनेमा में एक्ट्रेस के सौम्य और ट्रेडिशनल लुक का जमाना था, उस समय शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) ने जब 1966 में बिकिनी शूट कराया तो काफी बवाल मचा था. इस शूट के बारे में बात करते हुए बताया कि जब मैं इस शूट के लिए गई तो कुछ फोटोज के लिए तो फोटोग्राफर ने मुझे बॉडी को कवर करने कहा. एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर ने 1964 में 'कश्मीर की कली' फिल्म से बॉलीवुड डेब्यू किया था.
एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में शर्मिला टैगोर ने बताया कि उनकी जिंदगी के फैसले बिल्कुल अलग थे, जैसे कि फिल्मफेयर के लिए 1966 में बिकिनी शूट को लोग उन्हें कभी भूलने नहीं देते. शर्मिला ने आगे कहा कि बिकिनी शूट के दौरान उन्हें बिल्कुल भी शर्म या झिझक नहीं हुई. शर्मिला ने फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि हे भगवान, तब हमारी सोसायटी कितनी रूढ़िवादी थी. मुझे कोई अंदाजा नहीं था कि मैंने वह शूट क्यों किया था. यह मेरी शादी से कुछ दिन पहले ही हुआ था. मुझे याद है जब मैंने फटॉग्रफर को बिकिनी दिखाई तो उन्होंने मुझसे पूछा- क्या सच में शूट करना चाहती हो? कुछ शॉट्स में तो उन्होंने मुझे अपनी बॉडी कवर करने के लिए भी कहा था.
बता दें कि 60 और 70 के दशक में शर्मिला इंडस्ट्री की सबसे बेहतरीन और ग्लैमरस एक्ट्रेस में शामिल थीं. शर्मिला टैगोर ने बिकिनी अपनी 1967 में रिलीज हुई फिल्म 'एन इवनिंग इन पेरिस' फिल्म में भी पहनी थी. पहली ही फिल्म से अपनी छाप छोड़ने वाली शर्मिला 'एन इवनिंग इन पेरिस' में बिकिनी पहनने के बाद सुर्ख़ियों में आ गयीं. उनके बिकिनी शूट और फिल्म में उनके बोल्ड लुक पर खूब विवाद भी हुए.
1966 में भले ही शर्मिला को कॉन्ट्रोवर्सी का सामना करना पड़ा हो, मगर इसी साल उनकी पांच फिल्में- अनुपमा, देवर, ये रात फिर न आएगी, सावन की घटा और नायक रिलीज हुईं. शर्मिला अपने दौर की बेहतरीन अदाकारा रही हैं.
एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में शर्मिला टैगोर ने बताया कि उनकी जिंदगी के फैसले बिल्कुल अलग थे, जैसे कि फिल्मफेयर के लिए 1966 में बिकिनी शूट को लोग उन्हें कभी भूलने नहीं देते. शर्मिला ने आगे कहा कि बिकिनी शूट के दौरान उन्हें बिल्कुल भी शर्म या झिझक नहीं हुई. शर्मिला ने फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि हे भगवान, तब हमारी सोसायटी कितनी रूढ़िवादी थी. मुझे कोई अंदाजा नहीं था कि मैंने वह शूट क्यों किया था. यह मेरी शादी से कुछ दिन पहले ही हुआ था. मुझे याद है जब मैंने फटॉग्रफर को बिकिनी दिखाई तो उन्होंने मुझसे पूछा- क्या सच में शूट करना चाहती हो? कुछ शॉट्स में तो उन्होंने मुझे अपनी बॉडी कवर करने के लिए भी कहा था.
बता दें कि 60 और 70 के दशक में शर्मिला इंडस्ट्री की सबसे बेहतरीन और ग्लैमरस एक्ट्रेस में शामिल थीं. शर्मिला टैगोर ने बिकिनी अपनी 1967 में रिलीज हुई फिल्म 'एन इवनिंग इन पेरिस' फिल्म में भी पहनी थी. पहली ही फिल्म से अपनी छाप छोड़ने वाली शर्मिला 'एन इवनिंग इन पेरिस' में बिकिनी पहनने के बाद सुर्ख़ियों में आ गयीं. उनके बिकिनी शूट और फिल्म में उनके बोल्ड लुक पर खूब विवाद भी हुए.
1966 में भले ही शर्मिला को कॉन्ट्रोवर्सी का सामना करना पड़ा हो, मगर इसी साल उनकी पांच फिल्में- अनुपमा, देवर, ये रात फिर न आएगी, सावन की घटा और नायक रिलीज हुईं. शर्मिला अपने दौर की बेहतरीन अदाकारा रही हैं.