3 दिसंबर 1982 में रिलीज हुई थी 'विधाता'.(फोटो साभार: Movies N Memories/Twitter)
39 Years Of Vidhatta: 39 बरस पहले सुभाष घई (Subhash Ghai) ने एक साथ हिंदी सिनेमा के तीन दिग्गज कलाकारों को एक साथ डायरेक्ट कर इतिहास रच दिया था. ‘विधाता’ (Vidhatta) फिल्म में दिलीप कुमार (Dilip Kumar), शम्मी कपूर (Shammi Kapoor), संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) ने एक साथ काम किया था. इसके अलावा संजय दत्त (Sanjay Dutt), पद्मिनी कोल्हापुरे (Padmini Kolhapure) , सारिका (Sarika), अमरीश पुरी (Amrish Puri), जगदीप जैसे कलाकार भी थे. जिस फिल्म में इतने बड़े-बड़े कलाकारों की फौज हो तो कुछ न कुछ किस्सा बन ही जाता है. 3 दिसंबर 1982 में रिलीज हुई इस फिल्म से जुड़े किस्से बताते हैं.
दिग्गज फिल्ममेकर राज कपूर के बाद फिल्म इंडस्ट्री में किसी को शोमैन का तमगा मिला है तो वो हैं सुभाष घई. इसकी वजह भी है कि जिस भी फिल्म का डायरेक्शन किया वो सुपरहिट रही. लेकिन शायद कम ही लोगों को पता होगा कि सुभाष डायरेक्शन करने नहीं बल्कि हीरो बनने के लिए बॉलीवुड में आए थे. जब लगा कि ये संभव नहीं है तो उन्होंने कैमरे के पीछे काम करने का मन बना लिया. सुभाष घई के लिए कहा जाता है कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को कई एक्टर-एक्ट्रेस दिए हैं. ये सौभाग्य भी उन्हें ‘विधाता’ फिल्म की सफलता के बाद मिली.
‘विधाता’ सुभाष घई के करियर में टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. इस फिल्म ने सुभाष को फिल्म इंडस्ट्री के टॉप फिल्ममेकर की सूची में जगह दिलवा दी. इस फिल्म की सफलता के बाद ही सुभाष ने अपनी खुद की कंपनी मुक्ता आर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड बना डाली और इसके बैनर तले फिल्में बनाने लगे.
‘विधाता’ फिल्म से जुड़ा एक और किस्सा बेहद मशहूर है. फिल्म मेकर्स ने एक पार्टी रखी थी. फिल्म के सारे कलाकार और जुड़े लोग पहुंच चुके थे. संजू बाबा का इंतजार किया जा रहा था. लेकिन जब संजय दत्त आए तो उनकी हरकत देख सब सन्नाटे में आ गए. नशे में धुत्त फिल्म की एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरे के पास जा पहुंचे, उनके हाथ में चाकू था. ये देख पद्मिनी बुरी तरह घबरा गईं और चिल्लाने लगी.
बेखबर संजय दत्त को एहसास ही नहीं था कि वो क्या कर रहे हैं. जब वो पद्मिनी के और करीब पहुंचने लगे तो भागने लगीं. संजय भी उनके पीछे-पीछे भागने लगे. खैर किसी तरह पार्टी खत्म हुई और इस घटना की खबर संजय के पिता सुनील दत्त को हुई तो वह बेहद शर्मिंदा और नाराज हुए. ये वही दौर था जब संजय नशे के लत के बुरी तरह शिकार थे. सुनील दत्त ने इस घटना के बाद उन्हें रिहैबिलेशन सेंटर भेजने का फैसला कर लिया.
‘विधाता’ की शूटिंग ‘आगरा’ में हुई थी. इसकी शूटिंग के दौरान दिलीप कुमार समेत पूरी फिल्म की टीम मुगल शेरेटन होटल में डेरा डाले रही. चूंकि ट्रेजेडी किंग को गीत-गजलों-नज्म का शौक था लिहाजा आए दिन रात में फहफिल सजती थी. गजल गायर सुधीर नारायण उस दौर को याद करते हुए मीडिया को बताया था कि गीत-संगीत की महफिल देर रात चलती थी, कई बार को साढ़े 3 बज जाते थे. इस दौरान दिलीप कुमार भी गीत सुनाते थे.
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