सुभाष घई ने 2016 के बाद से कोई फिल्म नहीं बनाई है. (फोटो साभार: Instagram@iamsrk)
नई दिल्ली: सुभाष घई (Subhash Ghai) ने ‘राम लखन’, ‘कर्ज’, ‘ताल’, ‘परदेस’ जैसी फिल्में बनाई हैं. उनका कहना है कि आज के एक्टर्स 90 के दशक के स्टार्स शाहरुख खान, सलमान खान या फिर आमिर खान से लग हैं. उनका मानना है कि नए एक्टर्स में काम के प्रति समर्पण की कमी है. एक नए इंटरव्यू में, सुभाष घई ने बताया कि कैसे एक्टर अब अच्छा अभिनय करने के बजाय बड़े ब्रांड के प्रमोशन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.
सुभाष ने साल 1976 में शत्रुघ्न सिन्हा के साथ अपनी पहली फिल्म ‘कालीचरण’ बनाई थी जो एक बड़ी हिट थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, निर्माता ने एक इंटरव्यू के दौरान फिल्मों के बनने और नई पीढ़ी के एक्टर्स के बर्ताव पर बात की. वे कहते हैं, ’90 के दशक के एक्टर अभी भी कहानी के महत्व को समझते हैं, चाहे वे शाहरुख, सलमान या फिर आमिर हों, वे चाहते हैं कि काम अच्छी तरह से हो, लेकिन आज की पीढ़ी चाहती है कि पैसा पहले आए. वे सिर्फ अपनी ब्रांडिंग और फीस को लेकर परेशान हैं.’
वे आगे कहते हैं, ‘उन्हें लगता है कि वे बड़े ब्रांड बन गए हैं, वे एक ऐसे ग्रुप से घिरे हुए हैं जो उन्हें बाएं या दाएं देखने के लिए भी कहते हैं. वे ‘साबुन तेल’ वाले लोग अपनी शूटिंग छोड़कर विज्ञापन करने के लिए चले जाते हैं. इससे फर्क पड़ेगा. क्या आपने कभी राजेश खन्ना या अनिल कपूर के बारे में ऐसा सुना है, जब वे विज्ञापन करते थे? आप थिएटर से घर आओ तो एक्टर तेल बेच रहा है.’
सुभाष घई आखिर में कहते हैं, ‘आप हैरान होने लगते हैं कि उन्हें क्या हुआ है. जब से आपने उसे बड़े पर्दे पर देखा है, वे देशभक्ति की बातें कर रहे हैं.’ सुभाष घई ने साल 2016 के बाद से कोई फिल्म नहीं बनाई है. वे साल 2018 में मीटू विवाद में भी फंस गए थे. बाद में, उन्हें इस मामले में मुंबई पुलिस से क्लीन चिट मिल गई थी.’
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