राजेश खन्ना अपने फैंस को देखकर जब रो पड़े थे. (फोटो साभार: Film History Pics/Twitter)
मुंबई: राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार हैं, ये तो हमने कई बार पढ़ा और सुना है, लेकिन पहली बार खुद उन्हें कब एहसास हुआ था इसका किस्सा बेहद दिलचस्प है. वह पहला मौका था जब राजेश को चाहने वाले बेंगलुरू में एक साथ बड़ी संख्या में इकट्ठे हो गए थे, इसके गवाह जावेद अख्तर (Javed Akhtar) भी रहे हैं. राजेश तो हैरान हुए ही थे, जावेद भी कभी वो मंजर भूल नहीं पाते. काका के नाम से इंडस्ट्री में मशहूर एक्टर एक के बाद एक हिट फिल्मे देकर दर्शकों के चहेते एक्टर बन बैठे थे, जिसे भुनाने की कोशिश कर्नाटक सरकार ने की थी.
दरअसल, बेंगलुरू (उस समय बैंगलोर) में स्टेट लॉटरी हुआ करती थी. राजेश खन्ना की पॉपुलैरिटी को देखते हुए राज्य सरकार ने फैसला किया कि अगर लॉटरी का लकी नंबर राजेश के हाथों निकलवाया जाए तो लॉटरी का जबरदस्त प्रमोशन हो जाएगा. लकी नंबर निकालने का पूरा आयोजन विधानसभा के पास मैदान में किया गया था. उस दिन वहां जाने के लिए राजेश ने अपने साथ मशहूर लेखक जावेद अख्तर को साथ लिया था, ताकि वहां आने-जाने के दौरान कुछ फिल्मों के स्क्रिप्ट पर चर्चा हो जाए. लेकिन राजेश खन्ना को इसका रत्ती भर भी एहसास नहीं था कि इस यात्रा से उनकी जिंदगी और सोच बदलने वाली है.
भयंकर भीड़ देख हिल गए थे राजेश खन्ना
कहते हैं कि जैसे ही राजेश मैदान में पहुंचें वहां का माहौल देखकर हैरान रह गए. जावेद ने बताया था कि मुझे नहीं लगता कि ऐसा मंजर दोबारा देख पाऊंगा. राजेश को देखते ही करीब 50 हजार लोगों की आवाज एक साथ निकली, वो मंजर अविश्वसनीय था. उस दिन बेंगलुरू की सड़कें खाली थीं. एक शख्स को देखने के लिए एक हजारों की संख्या में लोग एक जगह इकट्ठे थे. ऐसा लग रहा था कि किसी राजा के सामने हाजिरी लगाने जनता आई है. दूर-दूर तक सिर्फ सिर ही सिर नजर आ रहे थे. स्टारडम की ये गजब की नुमाइश थी, उस दिन को याद करते हुए राजेश खन्ना ने भी कहा था कि ‘मुझे लगा कि मैं भगवान के बराबर खड़ा हो गया हूं. मुझे अभी भी वो लम्हा याद है, जब पहली बार मुझे एहसास हुआ कि कामयाबी कितनी अद्भुत हो सकती है, ये आपको हिला कर रख देती है, ऐसा लगता है कि जैसे आप इंसान हैं ही नहीं, ये ‘अंदाज’ के फौरन बाद हुआ था’.
रो पड़े थे राजेश खन्ना
बेंगलुरू में यही वो पल था जिसमें राजेश खन्ना की अपने विराट स्टारडम से मुलाकात हुई थी. राजेश के दिलो-दिमाग में अपना रुतबा कई गुना बढ़ गया था. उन पलों में शोहरत की बुलंदी पर खुद को महसूस कर रहे थे. लोगों की दीवानगी देख इतने भावुक हो गए थे कि खुद को रोक नहीं पाएं और रो पड़े थे राजेश खन्ना. शायद यही वो पल रहा होगा जब राजेश के लिए कहा गया था ‘ऊपर आका, नीचे काका’.
सलीम-जावेद ने लिखा था ‘अंदाज’
बता दें कि 1971 में बनी फिल्म ‘अंदाज’ को सलीम-जावेद की जोड़ी, गुलजार और सचिन भौमिक ने लिखी थी. रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में राजेश के साथ हेमा मालिनी और सिमी ग्रेवाल भी हैं.
(नोट-कुछ जानकारी यासिर उस्मान की किताब ‘कुछ लोग तो कहेंगे’ से ली गई है)
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