सुमन कल्याणपुर को म्यूजिक में योगदान के लिए पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजा गया है. (फोटो साभार-CNBCTV18)
नई दिल्ली. 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जब देश के सर्वोच्च पुरस्कारों का एलान किया गया, तो इस लिस्ट में एक ऐसा नाम भी शामिल था जिसनें यूं तो कई मशहूर गानों को अपनी मधुर आवाज दी है. लेकिन इस सिंगर को म्यूजिक इंडस्ट्री में उनका असल मुकाम नहीं मिल पाया है. आज जिस सिंगर की कहानी आपके लिए लाए हैं आप भले ही उनके नाम से वाकिफ न हों लेकिन आपने अंताक्षरी खेलते हुए उनके गाने तो जरूर गुनगुनाए होंगे. ये कहानी ‘आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे’ और ‘ना ना करते प्यार’ जैसे गानों को आवाज देने वाली सिंगर सुमन कल्याणपुर की है.
सुरीली और मधुर आवाज से लाखों लोगों का दिल जीतने वाली सुमन कल्याणपुर को 74वें गणतंत्र दिवस पर पद्मभूषण पुरस्कार के लिए चुना गया है. सुमन कल्याणपुर (Suman Kalyanpur) ने म्यूजिक इंडस्ट्री को ऊंचाईयों पर पहुंचाने में काफी योगदान दिया है. लेकिन इतने लोकप्रिय गानों को आवाज देने के बावजूद सुमन कल्याणपुर को उनकी असल पहचान नहीं मिल पाई. इसका भी सबसे बड़ा कारण उनकी आवाज ही थी. दरअसल, सुमन कल्याणपुर और लता मंगेशकर की आवाज में फर्क मालूम करना कोई आसान काम नहीं है.
लता मंगेशकर से मिलती है सुमन कल्याणपुर की आवाज-
उस जमाने में जब सुमन कल्याणपुर के गाने हर घर में गूंजते थे, तो लोग उनकी आवाज से मदहोश होने लगते, तो कई दफा लोगों को लगता कि उन पर एक बार फिर लता मंगेशकर का जादू छा रहा है. रेडियो पर बजने वाले गानों के साथ अक्सर सिंगर का नाम नहीं बताया जाता था, जिस वजह से सुमन कल्याणपुर के कई गानों का श्रेय भी लता मंगेशकर को मिल जाता था.
बेटी ने दिलाई पहचान –
एक बार दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले शो ‘छाया गीत’ ने सुमन कल्याणपुर के गाने ‘ना ना करते प्यार’ का श्रेय लता मंगेशकर को दे दिया था. इस बात ने जब सुमन कल्याणपुर की बेटी चारुल हेम्मडी का ध्यान खींचा तो उन्होंने प्रसार भारती ऑफिस में फोन कर उन्हें सूचित किया कि इस गीत को उनकी मां ने गाया है. एक इंटरव्यू में चारुल हेम्मडी ने बताया था कि कोई भी उनकी बात का विश्वास करने को तैयार नहीं था कि ये लता मंगेशकर की आवाज नहीं है.
लता मंगेशकर थीं प्रेरणा-
सुमन कल्याणपुर के जीवन में ऐसे कई मौके आए जब उनकी आवाज को लता मंगेशकर की आवाज समझ लिया गया था. लेकिन आपको शायद ये जानकर हैरानी होगी कि बावजूद इसके सुमन कल्याणपुर लता मंगेशकर को अपना आदर्श मानती हैं. सुमन कल्याणपुर ने एक पुराने इंटरव्यू में कहा था कि वह बचपन से लता मंगेशकर के गाने गाती थीं और वह उनकी प्रेरणा रही हैं.
पुराने इंटरव्यू में जब सुमन कल्याणपुर से उनके और लता मंगेशकर की आवाज में समानता को लेकर सवाल किया गया था, तो ये सिंगर काफी असहज हो गई थीं. लेकिन सुमन कल्याणपुर ने जवाब देते हुए कहा था कि आज का जमाना अलग है. आज के सिंगर की बात करें तो श्रेया घोषाल की आवाज भी काफी पतली है लेकिन आज लोग उनकी तुलना किसी और से नहीं करते हैं. वह दौर अलग था जब गानों के साथ सिंगर के नाम नहीं आते थे.
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