शॉर्ट फिल्मों की एक खास बात ये होती है कि वो फटाफट खत्म हो जाती और इस बार तो इस नई फिल्म का नाम भी 'फटाफट' है. निर्देशक पारिजात जोशी और लेखक तरुण डेडजा की इस फिल्म की कहानी बेहद दिलचस्प है. फिल्म 'प्यार का पंचनामा' और हाल ही में अमेज़न प्राइम की सीरीज़ 'मिर्ज़ापुर' में नज़र आए
दिवेंदु इस कहानी के लीड कलाकार हैं.
16 मिनट की ये छोटी सी फिल्म आपको समझाती है सब्र का मतलब. ये आपको सिखाती है कि कैसे आप एक ही चीज़ को अलग अगल नज़रिए से देख सकते हैं. असफलताएं भी आपको कुछ सिखाती हैं और यही इस फिल्म का मूल मंंत्र है.
फटाफट अपने टार्गेट को अचीव करने की कोशिश करता एक कॉलसेंटर कर्मचारी एक दिव्य बाबा की दवा खरीदता है. इस दवा से 'सब्र' मिलता है और इस सब्र से कर्मचारी को फायदा भी होता है. लेकिन एक दिन वो गोली खत्म हो जाती है और फिर सामने आती है एक सीधी सादी सच्चाई.
इस फिल्म को 3 घंटे की मज़ेदार और चमत्कारों से भरी फिल्म के रुप में बनाया जा सकता था. लेकिन लेखक और निर्देशक अपने काम को बिल्कुल इस फिल्म के नाम की तरह, 'फटाफट' पूरा कर देते हैं. वाकई ये इतनी तेज़ फिल्म है कि आपको पता ही नहीं चलता कि आप कब फिल्म में खो जाते हैं और फिर अचानक फिल्म खत्म होने पर आपको झटका लगता है.
इस फिल्म को देखकर लगता है कि अगर इसे फीचर फिल्म की तरह बनाया जाता तो कितना कुछ इस फिल्म के साथ किया जा सकता था. ये एक रोचक विषय पर बनी कमाल की फिल्म है और अगर आपके पास 16 मिनट हैं तो Zee 5 पर 'फटाफट' ये फिल्म देख डालिए.
डिटेल्ड रेटिंग
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Tags: Divendu, Fatafat, Zee5
FIRST PUBLISHED : April 03, 2019, 18:44 IST