कमलनाथ सरकार के दौरान मार्च में IIFA अवार्ड्स समारोह इंदौर और भोपाल में होना था.
भोपाल. कोरोना संकट (Corona) और उपचुनाव (By Election) की सरगर्मी के बीच iifa का मुद्दा फिर चर्चा में आ गया है. सीएम शिवराज सिंह ने साफ कह दिया है कि मध्य प्रदेश में iifa अवॉर्ड्स समारोह नहीं होगा. उन्होंने इसे तमाशा कह डाला. शिवराज बोले मैं iifa अवार्ड समारोह जैसे तमाशे को बिलकुल पसंद नहीं करता हूं. मध्यप्रदेश में iifa जैसे तमाशे नहीं होंगे.
कोरोना संकट काल में iifa का तमाशा नहीं
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार के iifa समारोह आयोजन का भाजपा शुरुआत से ही विरोध कर रही थी.सत्ता में आने के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मध्यप्रदेश में iifa अवार्ड समारोह की जरूरत नहीं है. गांधी जयंती के एक समारोह में फिर ये मसला उठा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- कोरोना का संकट काल है. ऐसे हालात में iifa समारोह तर्कसंगत ही नहीं है. iifa जैसे तमाशे को मैं बिलकुल पसंद नहीं करता. मध्यप्रदेश में iifa के तमाशे की कोई जरूरत नहीं है. शिवराज बोले- 'मुझे पता चला है कि करीब चार करोड़ रुपये iifa के नाम पर उद्योगपतियों से लिए गए हैं. यह सब ठीक नहीं है.'
शिवराज ने ली बैठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने iifa अवॉर्ड समारोह के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली. उसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी राशि उद्योगपतियों से जुटाई गई है वो अब तक विभागों के पास ही है. वो पैसा उद्योगपतियों को लौटाया जाए.
कमलनाथ ने दिया जवाब
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान के बयान का जवाब दिया है. उन्होंने साफ कहा कि iifa के लिए किसी से कोई पैसा नहीं लिया गया है. ये भ्रामक और गलत प्रचार किया जा रहा है कि कमलनाथ का कहना है कि iifa तमाशा है या नहीं इस बात का फैसला जनता करेगी.
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