ऋषभ शेट्टी का दावा, हिंदू संस्कृति का हिस्सा है भूत काला; छिड़ा विवाद; नेटिजन्स बोले हिंदू समाज को बांटना बंद करो
कन्नड़ फिल्म कांतारा अपने बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल कर रही है. हालांकि फिल्म के लीड एक्टर- डायरेक्टर ऋषभ शेट्टी को अब विवादों में भी घसीटा जा रहा है. इसमें कोई दो राय नहीं कि कांतारा अपने यूनीक कंटेंट की वजह से लोगों को सिनेमाघरों की ओर खींच रही है. वहीं इसके स्टार कास्ट का परफोर्मेंस भी लाजवाब है लेकिन फिर भी कुछ लोग इसमें दर्शाई गई भूत कला पंरपरा को हिंदू संस्कृति से जोड़ना ठीक नहीं कह रहे हैं.
फिल्म को लेकर विवाद ऋषभ शेट्टी के एक बयान के बाद शुरू हुआ है. दरअसल, हाल ही में फिल्म के निर्देशक का एक नया वीडियो आया है जिसमें दावा किया गया है कि भूत कला परंपरा हिंदू संस्कृति का एक हिस्सा है. पंजुरली के बारे में पूछे जाने पर कांतारा अभिनेता ने तमिल चैनल सिनेमा विकटन से कहा, ‘वे देवता, वे सभी हमारी परंपरा का हिस्सा हैं. निश्चित रूप से, यह हिंदू संस्कृति और हिंदू रीति-रिवाजों का हिस्सा है. क्योंकि मैं एक हिंदू हूं, मुझे अपने धर्म में विश्वास और सम्मान है. लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि दूसरे गलत हैं. हमने जो कहा है वो उस तत्व के माध्यम से है जो हिंदू धर्म में मौजूद है.
Glad our Kannada film ‘Kantara’ is making national waves
Director Rishabh Shetty claims Bhootha Kola is ‘Hindu culture’
False
Our Pambada/Nalike/Parawa’s Bahujan traditions predate Vedic-Brahminical Hinduism
We ask that Moolnivasi cultures be shown w/ truth on & off screen
— Chetan Kumar Ahimsa / ಚೇತನ್ ಅಹಿಂಸಾ (@ChetanAhimsa) October 18, 2022
हालांकि, ऋषभ शेट्टी के इस दावे से एक नेटिजन ने असहमति व्यक्त की और इसके बाद कन्नड़ स्टार के प्रशंसकों ने उस यूजर के खिलाफ बोलना शुरू किया और अभिनेता का समर्थन किया. दरअसल, अभिनेता और कार्यकर्ता चेतन कुमार अहिंसा ने कहा, ‘खुशी है कि हमारी कन्नड़ फिल्म ‘कांतारा’ नेशनल वेब बन रही है, निर्देशक ऋषभ शेट्टी का दावा है कि भूत कोला ‘हिंदू संस्कृति’ है, गलत है हमारी पंबाड़ा/नालिक/परावा की बहुजन परंपराएं वैदिक-ब्राह्मणवादी हिंदू धर्म से पहले की हैं. हम जानना चाहते हैं कि मूलनिवासी संस्कृतियों को ऑन और ऑफ स्क्रीन पर सच दिखाया जाए. उनके इस ट्वीट से तमाम लोग एग्री नहीं हुए.
चेतन के ट्विट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘आपको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. ब्राह्मण/मंगलोरियन होने के नाते, मैं और मेरा परिवार दैव, और भूत की पूजा करते हैं और हमारी परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन करते हैं. ब्राह्मण और दैव से संबंधित कुछ भी नहीं है.
Stop dividing Hindu society and go back to your country
— Amoghavarsha Nrupathunga (@orange_comrade) October 18, 2022
वहीं एक अन्य ने भी वही कहा, ‘भूत कोला मेरे समुदाय और संस्कृति का हिस्सा है; हमारे कुलदेवता, ग्रामदेवता और व्यक्तिगत इष्ट-देवताओं के अतिरिक्त हमारे भूत हैं. यह कहना कि भूत गैर-हिंदू हैं, हास्यास्पद है. खुशी है कि #Kantara अनुष्ठानों को इतनी सुंदरता से प्रदर्शित करता है.’
I’m a Brahmin and every Brahmin here in Mangaluru follow Bhoota.
Now a American will lecture us about our culture????
Appanige huttidava adre illi bandu matada— Venkatesha (@venkatesha_786) October 19, 2022
मालूम हो कि फिल्म ‘कांतारा’ न केवल बॉक्स ऑफिस पर कमाई कर रही है, बल्कि अपने गृह राज्य में कुछ सांस्कृतिक और सामाजिक-राजनीतिक प्रभाव भी डाल रही है. तटीय कर्नाटक में दैव नृत्य की परंपराओं के इर्द-गिर्द घूमती इस फिल्म ने इस प्रथा को प्रमुखता दी है. भूत कला, फिल्म कांतारा में दर्शाया गया है कि एक आध्यात्मिक पूजा अनुष्ठान हिंदू धर्म का हिस्सा है.’
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