ब्यूटी ट्रीटमेंट से बिगड़ी TV एक्ट्रेस के चेहरे की हालत, क्लिनिक को देना होगा मुआवजा

तेलंगाना राज्य उपभोक्ता विवाद और निवारण आयोग फोरम ने आदेश दिया है.
एक टीवी एक्ट्रेस को ब्यूटी क्लीनिक में जाकर इलाज कराना काफी महंगा पड़ गया. ये एक्ट्रेस अपने चेहरे की झुर्रियों का इलाज कराने और बालों में कलर कराने इस क्लीनिक पर गई लेकिन अंजाम इसके उलट हो गया.
- News18Hindi
- Last Updated: March 2, 2021, 2:36 PM IST
पीवी रमना कुमार, न्यूज़ 18.
हैदराबाद. एक टीवी एक्ट्रेस को ब्यूटी क्लीनिक में जाकर इलाज कराना काफी महंगा पड़ गया. ये एक्ट्रेस अपने चेहरे की झुर्रियों का इलाज कराने और बालों में कलर कराने इस क्लीनिक पर गई लेकिन अंजाम इसके उलट हो गया और उसकी खुद की सुंदरता भी चली गई. इस ब्यूटी ट्रीटमेंट के क्लीनिक ने एक्ट्रेस से पूरे 62,000 रुपये वसूले थे. ये मामला कंज्यूमर कोर्ट पहुंचा और अब तेलंगाना राज्य उपभोक्ता विवाद और निवारण आयोग फोरम ने ब्यूटी क्लिनिक को इस एक्ट्रेस को मुआवजा देने का आदेश दिया है.
टीवी एक्ट्रेस मेघना उर्फ निर्मला चेहरे पर झुर्रियों का इलाज करवाने और बालों में रंग करवाकर अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए हैदराबाद में श्रीनगर कॉलोनी में लैविनो कॉस्मेटिक्स और लेजर क्लिनिक गई थीं. क्लिनिक ने 45 दिनों के इलाज और बेहतरीन प्रभाव दिखाने के लिए उनसे 62,000 रूपए लिए. हालांकि त्वचा का रंग और भी गहरा हो गया और इसका प्राकृतिक रंग भी गायब हो गया. मेघना ने जब अपने चेहरे पर हुए इन साइड इफेक्ट्स को देखा तो ब्यूटी क्लिनिक को पैसा वापस करने के लिए करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा लेकिन उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी.
अभिनेत्री ने जिला उपभोक्ता फोरम से संपर्क किया और फोरम ने उसे 62,000 रुपये देने का आदेश दिया. इसके अतिरिक्त मानसिक तनाव के लिए मुआवजे के रूप में 50,000 और खर्च के रूप में 5,000 देने का आदेश दिया. जिला फोरम के फैसले को चुनौती देते हुए लाविनो लेजर क्लिनिक ने राज्य उपभोक्ता फोरम में अपील दायर की. जबकि न्यायमूर्ति एमएसके जायसवाल और सदस्य मीना रामनाथन की पीठ ने मामले की सुनवाई की.कॉस्मेटिक कंपनी ने तर्क दिया कि जिला फोरम ने इस बात की पुष्टि करने के लिए कोई विशेषज्ञ सलाह नहीं ली कि उपचार में कोई कमी थी. कंपनी का आरोप है कि कॉस्मेटोलॉजिस्ट वाला इलाज डॉ आनंद की देखरेख में किया गया और टीवी एक्ट्रेस ने अस्पताल जाकर उन्हें सबके सामने ब्लैकमेल किया और पहले एक सौंदर्य क्लिनिक में भी ऐसा ही किया था.
उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर की सलाह और निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण इलाज बिगड़ गया था. तर्कों को सुनने के बाद, न्यायाधिकरण ने फैसला सुनाया कि अपीलकर्ता जो कह रहा था, उसका समर्थन करने के लिए कोई सबूत था और डॉक्टर द्वारा निर्देश दिए जाने का कोई सबूत नहीं था. पेशेवर केस शीट की कमी एक सर्विस दोष था और इससे यह साबित होता है कि जिला फोरम का फैसला सही था.
हैदराबाद. एक टीवी एक्ट्रेस को ब्यूटी क्लीनिक में जाकर इलाज कराना काफी महंगा पड़ गया. ये एक्ट्रेस अपने चेहरे की झुर्रियों का इलाज कराने और बालों में कलर कराने इस क्लीनिक पर गई लेकिन अंजाम इसके उलट हो गया और उसकी खुद की सुंदरता भी चली गई. इस ब्यूटी ट्रीटमेंट के क्लीनिक ने एक्ट्रेस से पूरे 62,000 रुपये वसूले थे. ये मामला कंज्यूमर कोर्ट पहुंचा और अब तेलंगाना राज्य उपभोक्ता विवाद और निवारण आयोग फोरम ने ब्यूटी क्लिनिक को इस एक्ट्रेस को मुआवजा देने का आदेश दिया है.
टीवी एक्ट्रेस मेघना उर्फ निर्मला चेहरे पर झुर्रियों का इलाज करवाने और बालों में रंग करवाकर अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए हैदराबाद में श्रीनगर कॉलोनी में लैविनो कॉस्मेटिक्स और लेजर क्लिनिक गई थीं. क्लिनिक ने 45 दिनों के इलाज और बेहतरीन प्रभाव दिखाने के लिए उनसे 62,000 रूपए लिए. हालांकि त्वचा का रंग और भी गहरा हो गया और इसका प्राकृतिक रंग भी गायब हो गया. मेघना ने जब अपने चेहरे पर हुए इन साइड इफेक्ट्स को देखा तो ब्यूटी क्लिनिक को पैसा वापस करने के लिए करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा लेकिन उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी.
अभिनेत्री ने जिला उपभोक्ता फोरम से संपर्क किया और फोरम ने उसे 62,000 रुपये देने का आदेश दिया. इसके अतिरिक्त मानसिक तनाव के लिए मुआवजे के रूप में 50,000 और खर्च के रूप में 5,000 देने का आदेश दिया. जिला फोरम के फैसले को चुनौती देते हुए लाविनो लेजर क्लिनिक ने राज्य उपभोक्ता फोरम में अपील दायर की. जबकि न्यायमूर्ति एमएसके जायसवाल और सदस्य मीना रामनाथन की पीठ ने मामले की सुनवाई की.कॉस्मेटिक कंपनी ने तर्क दिया कि जिला फोरम ने इस बात की पुष्टि करने के लिए कोई विशेषज्ञ सलाह नहीं ली कि उपचार में कोई कमी थी. कंपनी का आरोप है कि कॉस्मेटोलॉजिस्ट वाला इलाज डॉ आनंद की देखरेख में किया गया और टीवी एक्ट्रेस ने अस्पताल जाकर उन्हें सबके सामने ब्लैकमेल किया और पहले एक सौंदर्य क्लिनिक में भी ऐसा ही किया था.
उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर की सलाह और निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण इलाज बिगड़ गया था. तर्कों को सुनने के बाद, न्यायाधिकरण ने फैसला सुनाया कि अपीलकर्ता जो कह रहा था, उसका समर्थन करने के लिए कोई सबूत था और डॉक्टर द्वारा निर्देश दिए जाने का कोई सबूत नहीं था. पेशेवर केस शीट की कमी एक सर्विस दोष था और इससे यह साबित होता है कि जिला फोरम का फैसला सही था.