'जय श्री राम' के नारे पर बोलीं नुसरत जहां- 'राम का नाम गले लगाकर बोले, गला दबाकर नहीं'

नुसरत जहां का ट्वीट काफी वायरल हो रहा है.
'जय श्री राम' के नारे पर मचे बवाल पर एक्ट्रेस और टीमएसी की सांसद नुसरत जहां (Nusrat Jahan) ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने इस मामले को लेकर ट्विटर (Twitter) पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 24, 2021, 11:37 AM IST
मुंबई. पश्चिम बंगाल (West Bangal) की राजधानी कोलकाता (KolKata) में एक सरकारी कार्यक्रम में 'जयश्री राम' के नारे लगने के बाद राजनीति के गलियारों में हलचल तेज है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने जहां मंच से ही इस बात पर आपत्ति जताई. वहीं, अब एक्ट्रेस और टीमएसी की सांसद नुसरत जहां (Nusrat Jahan) ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने इस मामले में ट्विटर (Twitter) पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
दरअसल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंति के उपलक्ष्य में हो रहे एक सरकारी कार्यक्रम में 'जय श्री राम' के नारे लगे, जिसके बाद से बंगाल की राजनीति में यह मुद्दा गर्म हो गया है. नुसरत जहां ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'राम का नाम गले लगाके बोले ना कि गला दबाके. स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सरकारी समारोह में राजनीतिक और धार्मिक नारेबाजी की सख्ती से आलोचना करती हूं.'

ये कार्यक्रम कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थे. ममता बनर्जी ने जैसे ही भाषण देने के लिए माइक की ओर बढ़ी, वैसे ही कार्यक्रम में शामिल कुछ लोगों ने जय श्रीराम और भारत माता के नारे लगाने शुरू कर दिए.इससे ममता बनर्जी नाराज हो गईं और भाषण देने से मना कर दिया. हालांकि लोगों के शांत होने के बाद थोड़ा ही भाषण दिया. उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रम की गरिमा का सबको ध्यान रखना चाहिए. सरकारी कार्यक्रम में कुछ गरिमा होनी चाहिए और यह किसी ऐसे व्यक्ति का अपमान करना उचित नहीं है जिसे आपने आमंत्रित किया है. ममता बनर्जी ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा कि यह एक सरकारी कार्यक्रम था न कि किसी राजनीतिक दल का.
दरअसल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंति के उपलक्ष्य में हो रहे एक सरकारी कार्यक्रम में 'जय श्री राम' के नारे लगे, जिसके बाद से बंगाल की राजनीति में यह मुद्दा गर्म हो गया है. नुसरत जहां ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'राम का नाम गले लगाके बोले ना कि गला दबाके. स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सरकारी समारोह में राजनीतिक और धार्मिक नारेबाजी की सख्ती से आलोचना करती हूं.'

ये कार्यक्रम कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थे. ममता बनर्जी ने जैसे ही भाषण देने के लिए माइक की ओर बढ़ी, वैसे ही कार्यक्रम में शामिल कुछ लोगों ने जय श्रीराम और भारत माता के नारे लगाने शुरू कर दिए.इससे ममता बनर्जी नाराज हो गईं और भाषण देने से मना कर दिया. हालांकि लोगों के शांत होने के बाद थोड़ा ही भाषण दिया. उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रम की गरिमा का सबको ध्यान रखना चाहिए. सरकारी कार्यक्रम में कुछ गरिमा होनी चाहिए और यह किसी ऐसे व्यक्ति का अपमान करना उचित नहीं है जिसे आपने आमंत्रित किया है. ममता बनर्जी ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा कि यह एक सरकारी कार्यक्रम था न कि किसी राजनीतिक दल का.