गुजरातः कोरोना के चलते मार्च में बंद हुआ साबरमती आश्रम 9 महीने बाद खुला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के समय उन्हें साबरमती आश्रम का दिखाया. फाइल फोटो
साबरमती आश्रम (Sabarmati Ashram) में फिलहाल संग्रहालय और ह्रदय-कुंज को खोला गया है, जबकि किताब की दुकान, खादी की दुकान, चरखा गलियारा बंद रहेंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: January 5, 2021, 9:50 PM IST
अहमदाबाद. गुजरात के अहमदाबाद में स्थित ऐतिहासिक साबरमती आश्रम (Sabarmati Ashram) को नौ महीने बाद आंगुतकों के लिए खोल दिया गया है. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण मार्च 2020 में इसे बंद कर दिया गया था. आश्रम के निदेशक अतुल पांड्या ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि आश्रम को लोगों के लिए सोमवार से खोल दिया गया है. आश्रम में सामाजिक दूरी और कोविड-19 प्रोटोकॉल (Covid-19) का ध्यान रखा जा रहा है.
कोविड-19 महामारी से पहले आश्रम में रोज़ाना बड़ी संख्या में आंगुतक आते थे. महात्मा गांधी का निवास रहे साबरमती आश्रम का भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से गहरा संबंध है. इसका प्रबंधन साबरमती आश्रम संरक्षण एवं स्मारक न्यास करता है. पांड्या ने बताया, "आश्रम को पिछले साल 20 मार्च को कोरोना वायरस महामारी के कारण बंद कर दिया गया था. हमने इसे सोमवार से एक बार फिर से आंगुतकों के लिए खोल दिया है."
उन्होंने बताया, "लोग सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे के बीच आश्रम आ सकते हैं. हमने सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए अपने कर्मियों को तैनात किया है." अधिकारी ने बताया कि परिसर में सैनिटाइजर डिस्पेंसरों को 18 स्थानों पर लगाया गया है. फिलहाल संग्रहालय और ह्रदय-कुंज को खोला गया है जबकि किताब की दुकान, खादी की दुकान, चरखा गलियारा बंद रहेंगे."आश्रम में ह्रदय-कुंज वह कुटिया है, जिसमें महात्मा गांधी अपनी पत्नी के साथ रहते थे. इस आश्रम में राष्ट्रपिता 1917 से 1930 के बीच रहे थे. यहां पर देश-विदेश से सैलानी आते हैं.

पांड्या ने बताया कि महामारी से पहले रोजाना करीब दो हजार सैलानी इस ऐतिहासिक स्थल को देखने आते थे.
कोविड-19 महामारी से पहले आश्रम में रोज़ाना बड़ी संख्या में आंगुतक आते थे. महात्मा गांधी का निवास रहे साबरमती आश्रम का भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से गहरा संबंध है. इसका प्रबंधन साबरमती आश्रम संरक्षण एवं स्मारक न्यास करता है. पांड्या ने बताया, "आश्रम को पिछले साल 20 मार्च को कोरोना वायरस महामारी के कारण बंद कर दिया गया था. हमने इसे सोमवार से एक बार फिर से आंगुतकों के लिए खोल दिया है."
उन्होंने बताया, "लोग सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे के बीच आश्रम आ सकते हैं. हमने सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए अपने कर्मियों को तैनात किया है." अधिकारी ने बताया कि परिसर में सैनिटाइजर डिस्पेंसरों को 18 स्थानों पर लगाया गया है. फिलहाल संग्रहालय और ह्रदय-कुंज को खोला गया है जबकि किताब की दुकान, खादी की दुकान, चरखा गलियारा बंद रहेंगे."आश्रम में ह्रदय-कुंज वह कुटिया है, जिसमें महात्मा गांधी अपनी पत्नी के साथ रहते थे. इस आश्रम में राष्ट्रपिता 1917 से 1930 के बीच रहे थे. यहां पर देश-विदेश से सैलानी आते हैं.
पांड्या ने बताया कि महामारी से पहले रोजाना करीब दो हजार सैलानी इस ऐतिहासिक स्थल को देखने आते थे.