MSP पर गुजरात विधानसभा में भिड़े CM विजय रूपाणी और कांग्रेस नेता परेश धनानी

गुजरात विधानसभा में उठा किसानों को दिए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य का मुद्दा.
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Vijay Rupani) ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि किसानों ने खरीद केंद्र पर आने वाली किसी भी समस्या के बारे में आज तक कोई शिकायत नहीं की है. उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड बताते हैं कि लाखों किसानों ने एमएसपी पर अपनी फसलें बेची हैं
- News18Hindi
- Last Updated: March 12, 2021, 10:24 AM IST
गांधीनगर. कृषि कानून के विरोध में पिछले 4 महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों से जुड़ा मुद्दा गुजरात विधानसभा में उस समय हंगामे में तब्दील हो गया जब मूंगफली की खरीद के विषय पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Vijay Rupani) और विपक्ष के नेता परेश धनानी (Paresh Dhanani) में बहस हो गई. विधान सभा के प्रश्नकाल के दौरान परेश धनानी ने मूंगफली की खरीद का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि मूंगफली उगाने वाले किसानों को खरीद केंद्रों से इस आधार पर लौटा दिया जाता है कि बिक्री के लिए उनके द्वारा लाई गई मूंगफली में बहुत अधिक कंकड़ और बालू हैं.
परेश धनानी ने कहा, खरीद केंद्रों से जब मूंगफली को लेने से मना कर दिया जाता है तो किसान उसे वापस नहीं ले जा पाते हैं और इसका फायदा बिचौलिए उठाते हैं. किसान बिचौलियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दाम पर अपनी फसले बेचने के लिए बाध्य हो जाते हैं. इसके बाद ये बिचौलिए फिर उसे एमएसपी पर बेचते हैं और मुनाफा कमाते हैं. कांग्रेस नेता ने यहां तक आरोप लगाया कि ये एक तरह का घोटाला है, जिसमें बीजेपी के नेता भी शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें :- गुजरात के पूर्व CM वाघेला का BJP पर आरोप- इस सरकार में राज्य की दुर्दशा हो रहीहालांकि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि किसानों ने खरीद केंद्र पर आने वाली किसी भी समस्या के बारे में आज तक कोई शिकायत नहीं की है. उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड बताते हैं कि लाखों किसानों ने एमएसपी पर अपनी फसलें बेची हैं और उनके खातों में सीधे फसल की रकम भी पहुंची है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ही नहीं बल्कि केंद्रीय एजेंसी नेफेड भी किसानों से उनकी ऊपज खरीदती है.
परेश धनानी ने कहा, खरीद केंद्रों से जब मूंगफली को लेने से मना कर दिया जाता है तो किसान उसे वापस नहीं ले जा पाते हैं और इसका फायदा बिचौलिए उठाते हैं. किसान बिचौलियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दाम पर अपनी फसले बेचने के लिए बाध्य हो जाते हैं. इसके बाद ये बिचौलिए फिर उसे एमएसपी पर बेचते हैं और मुनाफा कमाते हैं. कांग्रेस नेता ने यहां तक आरोप लगाया कि ये एक तरह का घोटाला है, जिसमें बीजेपी के नेता भी शामिल हैं.
इसे भी पढ़ें :- गुजरात के पूर्व CM वाघेला का BJP पर आरोप- इस सरकार में राज्य की दुर्दशा हो रहीहालांकि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि किसानों ने खरीद केंद्र पर आने वाली किसी भी समस्या के बारे में आज तक कोई शिकायत नहीं की है. उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड बताते हैं कि लाखों किसानों ने एमएसपी पर अपनी फसलें बेची हैं और उनके खातों में सीधे फसल की रकम भी पहुंची है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ही नहीं बल्कि केंद्रीय एजेंसी नेफेड भी किसानों से उनकी ऊपज खरीदती है.