गुजरात को मिला नया गौरव, यहां बनेगी देश की पहली लिथियम रिफाइनरी

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की फाइल फोटो
Lithium Refinery: बीते साल मणिकरण पावर ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की खदान के लिए वहां कंपनी नियोमेटल्स से हाथ मिलाया था. उम्मीद जताई जा रही है कि यह प्रस्तावित प्रोजेक्ट गुजरात को घरेलू उत्पाद के लिए कच्चे माल के मामले में मदद करेगा.
- News18Hindi
- Last Updated: December 25, 2020, 7:43 PM IST
गांधीनगर. बैट्री ग्रेड मैटेरियल बनाने में इस्तेमाल होने वाले लिथियम (Lithium) ओर का काम अब गुजरात (Gujarat) में शुरू होने जा रहा है. राज्य सरकार ने बताया है कि गुजरात में भारत की पहली लिथियम रिफाइनरी (India’s first Lithium refinery) शुरू होने जा रही है. यहां पर लीथिम ओर को प्रोसेस करने का काम किया जाएगा. इस काम में मणिकरण पावर लिमिटेड बड़ा निवेश करने जा रही है.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन न्यूज एक्सप्रेस से बातचीत में गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (CM Vijay Rupani) के अतिरिक्त मुख्य सचिव एमके दास ने बताया कि मणिकरण पावर लिमिटेड इस रिफाइनरी में 1 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी. मणिकरण पावर लिमिटेड पावर ट्रेडिंग और एनर्जी के क्षेत्र में देश की बड़ी कंपनियों में से एक है.
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दास ने बताया, 'वे गुजरात आ रहे हैं. फिलहाल वे रिफाइनरी के लिए सानंद और धौलेरा में जगह देख रहे हैं.' उन्होंने बताया, 'लिथियम दुर्लभ तत्व है, जो आमतौर पर भारत में नहीं मिलता है.' उन्होंने जानकारी दी कि कंपनी ऑस्ट्रेलिया से लिथियम ओर का आयात करेगी और उसे यहां पर प्रोसेस किया जाएगा. बीते साल मणिकरण पावर ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की खदान के लिए वहां कंपनी नियोमेटल्स से हाथ मिलाया था. उम्मीद जताई जा रही है कि यह प्रस्तावित प्रोजेक्ट गुजरात को घरेलू उत्पाद के लिए कच्चे माल के मामले में मदद करेगा.
राज्य सरकार के अधिकारी ने कहा, 'यहां पहले ही लिथियम आयन बैट्री के प्लांट हैं, जो गुजरात में तैयार हो रहे हैं. ऐसे में हमने महसूस किया कि लिथियम रिफाइनरी राज्य को लिथियम आयन बैट्री का हब बनाने में मदद करेगी.' गौरतलब है कि टाटा समूह ने भी धौलेरा एसआईआर में 4000 करोड़ रुपये के लिथियम आयन प्लांट के लिए जमीन ली है. वहीं, अडानी समूह भी राज्य में लिथियम बैट्री मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स बनाने पर विचार कर रहा है.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन न्यूज एक्सप्रेस से बातचीत में गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (CM Vijay Rupani) के अतिरिक्त मुख्य सचिव एमके दास ने बताया कि मणिकरण पावर लिमिटेड इस रिफाइनरी में 1 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी. मणिकरण पावर लिमिटेड पावर ट्रेडिंग और एनर्जी के क्षेत्र में देश की बड़ी कंपनियों में से एक है.
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दास ने बताया, 'वे गुजरात आ रहे हैं. फिलहाल वे रिफाइनरी के लिए सानंद और धौलेरा में जगह देख रहे हैं.' उन्होंने बताया, 'लिथियम दुर्लभ तत्व है, जो आमतौर पर भारत में नहीं मिलता है.' उन्होंने जानकारी दी कि कंपनी ऑस्ट्रेलिया से लिथियम ओर का आयात करेगी और उसे यहां पर प्रोसेस किया जाएगा. बीते साल मणिकरण पावर ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की खदान के लिए वहां कंपनी नियोमेटल्स से हाथ मिलाया था. उम्मीद जताई जा रही है कि यह प्रस्तावित प्रोजेक्ट गुजरात को घरेलू उत्पाद के लिए कच्चे माल के मामले में मदद करेगा.
राज्य सरकार के अधिकारी ने कहा, 'यहां पहले ही लिथियम आयन बैट्री के प्लांट हैं, जो गुजरात में तैयार हो रहे हैं. ऐसे में हमने महसूस किया कि लिथियम रिफाइनरी राज्य को लिथियम आयन बैट्री का हब बनाने में मदद करेगी.' गौरतलब है कि टाटा समूह ने भी धौलेरा एसआईआर में 4000 करोड़ रुपये के लिथियम आयन प्लांट के लिए जमीन ली है. वहीं, अडानी समूह भी राज्य में लिथियम बैट्री मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स बनाने पर विचार कर रहा है.