कृषि कानूनों के विरोध में काले कपड़े पहनने की प्रतिज्ञा लेने वाले किसान को आज सम्मानित किया गया.
अंबाला. हरियाणा के अंबाला के 2 किसानों ने आंदोलन (Kisan Andolan) में अनूठे सकंल्प लिए थे. कृषि कानूनों की वापसी (Agriculture Laws Return) तक युवा लाडी (Ladi) ने नंगे पैर रहने और गुलाब सिंह (Gulab Singh) ने काले कपड़ों ना उतारने का प्रण लिया था. कृषि कानूनों की वापसी के बाद आज किसान यूनियन (Kisan Union) द्वारा एक सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया.
समारोह में युवा किसान लाडी को सोने की अंगूठी, सिरोपा पहनाया गया और 1 साल बाद लाडी के पैरों में जूते डाले वहीं गुलाब सिंह ने भी किसान यूनियन के आदेश पर काले कपड़े त्याग सफेद वस्त्र धारण किए. दोनों का कहना है कि किसानों ने अपना भविष्य बचा लिया है जन जन की भागीदारी से ही आंदोलन में जीत प्राप्त हुई है.
कृषि कानूनों की वापसी तक के लिए लिया था प्रण
एक साल से चल रहे किसान आंदोलन अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. किसानों की मेहनत, जोश और जज्बे ने विपरीत परिस्थितियों में भी इस आंदोलन को ज़िंदा रखा. वहीं अंबाला के 2 किसान अपने अनूठे सकंल्प के चलते चर्चा में रहे जिनमे से एक है. युवा लाडी ओर दूसरे गुलाब सिंह लाडी ने किसान आंदोलन की शुरूआत के समय प्रण लिया था.
जब तक कृषि कानून वापिस नही हो जाते तब तक वह बिना चप्पल जूते डाले नंगे पैर ही रहेंगे. वहीं गुलाब सिंह ने संकल्प लिया था कि कृषि कानूनों की वापसी तक वह काले कपड़ो में ही रहेंगे. आज किसान यूनियन द्वारा एक कार्यक्रम में लाडी व गुलाब सिंह को सम्मानित किया. कृषि कानूनी की वापसी पर लाडी को 1 साल बाद किसान यूनियन द्वारा जूते पहनाए गए. वहीं गुलाब सिंह ने प्रण पूरा होने पर अपने काले कपड़ों का त्याग किया लाडी ने बताया कि बहुत खुशी है, किसान आंदोलन में हमारी जीत हुई है, ये हमारे भविष्य को बचाने की लड़ाई थी.
किसान आंदोलन बन गया जन आंदोलन, सरकार को झुकना पड़ा
वहीं भाकियू के जिला उप प्रधान ने आज प्रण पूरा होने पर अपने काले कपड़े त्याग कर सफेद वस्त्र धारण किए. उन्होंने बताया कि यह आंदोलन किसानों का नही बल्कि जन आंदोलन बन गया था. जिसके कारण सरकार को झुकना पड़ा समस्त अंबाला की टीम ने पूरे देश मे अंबाला का नाम रोशन किया है.
अंबाला के मर्दों साहिब गुरुद्वारा में आज किसान यूनियन द्वारा किसानों को सम्मानित किया गया. 1 साल नंगे पैर रहने वाले लाडी को सोने की अंगूठी,जूते व सिरोपा भेंट किया गया. यूनियन नेता ने बताया कि ऐसे किसान योद्धाओं के दम पर ही किसान आंदोलन की जीत हुई है. यह आंदोलन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.
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