अनलॉक की चौथी दहलीज पार कर चुके देश के हरियाणा और पंजाब राज्य की सीमा पर आम जनता इन दिनों सरकार के आदेशों के चलते फुटबॉल (Football) बनकर रह गई है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, हरियाणा से पंजाब (Punjab) जाने वाले यात्रियों को लेकर जाने वाली बसें यात्रियों को पंजाब की सीमा से लगभग डेढ़ किलोमीटर पहले ही उतार देते हैं. वहीं पंजाब से आने वाली बसे भी यात्रियों को अपने इलाके में हरियाणा की सीमा से पहले ही उतार देती हैं. जिसके बाद यात्रियों को पैदल ही डेढ़ किलोमीटर का सफर तय करके दूसरे राज्य में खड़ी बसों तक पहुंचना पड़ता है.
भले ही केंद्र सरकार लाख गाइडलाइन जारी कर अंतरराजीय मूवमेंट के लिए किसी भी तरह के पास या फिर परमिशन की जरूरत न होने की बात कहती रहे, मगर राज्य सरकारें है कि केंद्रीय गाइडलाईन को मानने के लिए तैयार नहीं. ऐसा इसलिए है क्योंकि इन दिनों सरकारी बसों में सफर करने वाले यात्री हरियाणा और पंजाब के अपने ही आदेशों के बीच पिसते हुए नजर आ रहे हैं.
बता दें कि अगर हरियाणा रोडवेज से किसी यात्री को पंजाब जान है तो उसका यह सफर आसान नहीं है क्योंकि हरियाणा रोडवेज की बसें इन यात्रियों को पंजाब की सीमा से डेढ़ किलोमीटर दूर ही उतार देती हैं. जिसके बाद इन्हे पैदल ही पंजाब की तरफ चलना पड़ता है और फिर डेढ़ किलोमीटर दूर जाकर पंजाब की बसों तक पहुंचना पड़ता है. वहीं पंजाब से हरियाणा आने वाले यात्रियों का भी यही हाल है. उन्हें भी हरियाणा की सीमा से दूर उतार दिया जाता है, जिसके चलते बुजुर्गों व् महिलाओं को भारी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है.
दोनों राज्यों की बसें अपने अपने इलाके में ही सवारियों को उतार देती हैं. इसे लेकर जब पंजाब और हरियाणा रोडवेज के अधिकारीयों से बात की गई तो वो विभागीय आदेशों की पालना करने की बात कहते नजर आये. वहीं पंजाब रोडवेज के अधिकारीयों का आरोप है कि जहां रोडवेज की बसों को एक से दूसरे राज्य में जाने की इजाजत नहीं है. वहीं प्राइवेट बसे धडल्ले से हरियाणा से पंजाब और पंजाब से हरियाणा आ जा रही हैं.
दोनों राज्यों की रोडवेज की बसें यात्रियों को टोल प्लाज़ा के नजदीक बीच सड़क उतार देती हैं. ऐसे में किसी भी हादसा भी हो सकता है. जिसे लेकर टोल मैनेजर ने भी ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि विभागीय लापरवाही किसी हादसे का कारण बन सकती है और अगर बसों के ड्राइवरों से बात की जाती है तो वो भी सही ढंग से बात नहीं करते. वहीं टोल मैनजेर की माने तो हर रोज लगभग 200 प्राइवेट बसें एक से दूसरे राज्य में जा रही हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 04, 2020, 14:27 IST