रिपोर्ट : पूनम मेहता
अंबाला . गेहूं की कटाई से ठीक पहले हुई बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों की समस्याएं बढ़ा दी है. अंबाला जिले में 70 फीसदी से ज्यादा गेहूं की फसलें बिछ चुकी है . खेतों मे बरसाती पानी लगा हुआ है. ऐसे में गेहूं समेत सरसों व आलू की फसल पर बर्बादी का खतरा मंडरा रहा है .
अंबाला कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जसविंदर सिंह ने बताया कि इलाके में बारिश के चलते फसलों में जलभराव हो गया है. बीमित किसान 72 घंटे के अंदर अपने नुकसान की सूचना नजदीकी कृषि कार्यालय में दे सकते है , किसानों का कहना है कि वे फसल कटवाने की ही तैयारी कर रहे थे. इसी सप्ताह में कटाई शुरू होने वाली थी, लेकिन बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि ने अरमानों पर पानी फेर दिया है. पिछले 2 सालों से लगातार हर फसल खराब हो रही है, लेकिन सरकार और बीमा कंपनी ने मुआवजे के नाम पर सिर्फ झूठे आश्वासन ही दे रही है .
किसानों ने की सर्वे की मांग
इस दौरान बीमित किसान अपनी फसल के मुआवजे के लिए फार्म भरने कृषि कार्यालय पहुंच रहे है। किसानों का कहना है कि हर बार फसल खराब होने पर बीमा कंपनी किसानों से फार्म तो भरवा लेती है लेकिन मुआवजा नहीं मिलता. पिछली धान की फसल भी खराब हो गई थी और अब गेहूं बर्बादी की कगार पर है .हरियाणा सरकार को तुरंत विशेष सर्वे करवाना चाहिए.अंबाला कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जसविंदर सिंह ने बताया कि इलाके में बारिश के चलते फसलों में जलभराव हो गया है . बीमित किसान 72 घंटे के अंदर अपने नुकसान की सूचना नजदीकी कृषि कार्यालय में दे. जिस किसानों की फसल का बीमा नही है वह ई क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान दर्ज करा सकता है.
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