अंबाला: किसान हों या फिर गौ सेवक इन सब के धरने प्रदर्शनों और प्रशासनिक आश्वासनों के बावजूद अंबाला शहर से बेसहारा पशुओं की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. लाख दावों के बाद भी मौजूदा समय में हालात ये हैं कि शहर की मुख्य सड़कों पर दिन रात बेसहारा पशुओं का डेरा है, जो आए दिन हादसों की भी वजह बन रहे हैं. ऐसे में अब गौ सेवक और स्थानीय लोग फिर से बड़े धरने प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं.
वहीं नगर निगम के डिप्टी मेयर का कहना है कि निगम अपनी अलग गौशाला बनाने पर विचार कर रहा है. अगर आप अंबाला शहर के रहने वाले हैं तो ये तस्वीरें आपके लिए कोई नई नहीं होंगी. रोज़ाना शहरवासियों को सड़कों पर डेरा डाले बैठे बेसहारा पशुओं से बचकर गुजरना पड़ता है. आलम ये है कि इन बेसहारा पशुओं की वजह से होने वाले हादसों की वजह से अब शहर वासियों के मन में डर और बढ़ने लगा है. ऐसे में अब शहरवासी अपील कर रहे हैं कि प्रशासन इन बेसहारा पशुओं का ठोस निवारण करे.
पहले भी हो चुके हैं प्रदर्शन
बेसहारा पशुओं के मुद्दे को लेकर इससे पहले भी अंबाला में खूब हंगामा हो चुका है. जहां किसान पशुओं को ट्रालियों में भरकर डीसी ऑफिस तक ले जा चुके हैं, वहीं गौसेवक पशुओं को लेकर निगम के गेट तक प्रदर्शन कर चुके हैं. लेकिन इन सभी धरना प्रदर्शनों के बाद लोगों को सिर्फ आश्वासन ही मिला है. अब इस मामले को लेकर गौ सेवकों ने चेतावनी दी है कि अगर समस्या का समाधान न हुआ तो अगले प्रदर्शन में बेसहारा पशुओं को निगम के अंदर ले जाकर प्रदर्शन किए जाएगा.
गौशाला बनाने पर हो रहा विचार
प्रदेशव्यापी इस मुद्दे को लेकर आश्वासनों का दौर जारी है. वहीं जब इस मामले में जब अंबाला के डिप्टी मेयर से सवाल पूछे गए तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में निगम कमिश्नर को लिखित में शिकायत दी गई थी और हाउस की मीटिंग में भी मामला उठाया जाएगा. निगम अपनी गौशाला बनाने पर विचार कर रहा है. डिप्टी मेयर ने इस दौरान निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए.
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