Kisan Andolan: भाकियू का बड़ा ऐलान- गणतंत्र दिवस पर किसी नेता को नहीं फहराने देंगे तिरंगा झंडा

भारतीय किसान यूनियन ने किया एलान
Kisan Andolan: भाकियू नेता (BKU) रवि आजाद ने कहा कि 19 जनवरी को भिवानी शहर में ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकाली जाएगी. 26 जनवरी को किसानों का दिल्ली कूच होगा.
- News18Hindi
- Last Updated: January 13, 2021, 10:32 PM IST
भिवानी. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में पिछले छह सप्ताह से जारी किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के बीच भारतीय किसान आंदोलन ने आज बड़ा ऐलान किया है. भाकियू ने ऐलान किया है कि गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसी नेता को वो राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा झंडा फहराने नहीं देंगे. भाकियू के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद ने कहा कि किसान भिवानी में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला का विरोध करेंगे. बिजली मंत्री अगर भिवानी आए तो जिले को चारों तरफ से सील करेंगे. उन्होंने कहा कि आंदोलन चलने तक नेताओं को राष्ट्रीय ध्वज फहराने का हक नहीं है.
भाकियू नेता रवि आजाद ने कहा कि 19 जनवरी को भिवानी शहर में ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी. राकेश टिकैत के नेतृत्व में ट्रैक्टर रैली की पहले रिहर्सल की जाएगी. 26 जनवरी को दिल्ली कूच और नेताओं को झंडा फहराने रोका जाएगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से किसानों को कोई लेना-देना नहीं है.
आंदोलन को आज 50 दिन पूरे हो गएबता दें कि 3 कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को आज 50 दिन पूरे हो गए हैं. शुरू से सरकार की ओर से मान-मनौव्वल और फिर सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी मध्यस्थता के लिए कमेटी गठित कर दिए जाने से भी मामला सुलझा नहीं है. किसान कानूनों को रद्द किए जाने के अलावा कोई भी बात मानने को राजी नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी पर भी नाराजगी
यहां तक कि आंदोलन कर रहे किसानों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 4 सदस्यीय कमेटी पर भी नाराजगी जाहिर की है. आंदोलनरत किसानों का स्पष्ट कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा अपने पूर्व के फैसले के लिहाज से किसी भी कमेटी के प्रस्ताव को खारिज कर चुका है. यानि उन्हें अदालत का निर्देश कतई स्वीकार नहीं है.
भाकियू नेता रवि आजाद ने कहा कि 19 जनवरी को भिवानी शहर में ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी. राकेश टिकैत के नेतृत्व में ट्रैक्टर रैली की पहले रिहर्सल की जाएगी. 26 जनवरी को दिल्ली कूच और नेताओं को झंडा फहराने रोका जाएगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से किसानों को कोई लेना-देना नहीं है.
आंदोलन को आज 50 दिन पूरे हो गएबता दें कि 3 कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को आज 50 दिन पूरे हो गए हैं. शुरू से सरकार की ओर से मान-मनौव्वल और फिर सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी मध्यस्थता के लिए कमेटी गठित कर दिए जाने से भी मामला सुलझा नहीं है. किसान कानूनों को रद्द किए जाने के अलावा कोई भी बात मानने को राजी नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी पर भी नाराजगी
यहां तक कि आंदोलन कर रहे किसानों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 4 सदस्यीय कमेटी पर भी नाराजगी जाहिर की है. आंदोलनरत किसानों का स्पष्ट कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा अपने पूर्व के फैसले के लिहाज से किसी भी कमेटी के प्रस्ताव को खारिज कर चुका है. यानि उन्हें अदालत का निर्देश कतई स्वीकार नहीं है.