भिवानी. हरियाणा के भिवानी जिले के लाल वीरेन्द्र कौशिक (Virender Kaushik) देश की सेवा करते करते शहीद (Martyr) हो गए. शहीद वीरेन्द्र का उनके पैत्रिक गाँव तालु में अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान हज़ारों लोगों के साथ सेना व पुलिस के जवानों ने शहीद वीरेन्द्र को श्रद्धांजली व अंतिम विदाई दी. शहीद वीरेन्द्र के पिता भी बीएसएफ से रिटायर्ड हैं और अब उनका बेटा भी देश सेवा के लिए सेना में भर्ती होना चाहता है.
गांव तालु में जन्मे वीरेन्द्र सिंह अपने पिता से प्रेरित होकर देश सेवा के लिए 19 साल की उम्र में बीएसएफ में भर्ती हुये थे. फ़िलहाल वीरेन्द्र 38 साल के थे और एक बेटा व एक बेटी के पिता थे. वीरेन्द्र कौशिक 50वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल में बतौर हवलदार के पद पर तैनात थे. जो अपने दो साथियों के साथ भारत-पाक सीमा पर राजस्थान के जैसलमेर के नज़दीक किशनगढ़ फ़ील्ड फायरिंग रेंज में रात्री ग़स्त पर थे. अचानक उनका वाहन पलट गया. वीरेंद्र वीरगति को प्राप्त हो गए और दो अन्य जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है.
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने वीरेन्द्र की शहादत पर पूरे परिवार को संवेदना प्रकट की है और कहा कि देश सेवा करते हुये वीरगति को प्राप्त होना गर्व की बात है पर पूरे गाँव व क्षेत्र में दुख होता है. जेपी दलाल ने कहा कि सरकार की तरफ़ से जो भी सहायक होगी वो जल्द से जल्द दिलाई जाएगी.
शहीद के भाई विजय कौशिक ने बताया कि उनके पिता महेन्द्र शर्मा भी बीएसएफ में थे और अब वीरेन्द्र का बेटा भी देश सेवा के लिए फ़ौज में भर्ती होना चाहता है. शहीद वीरेन्द्र का बेटा रवि कौशिक बॉक्सर है. रवि अपने दादा से प्रेरित होकर अपने पिता की शहादत पर गर्व जताते हुये खुद भी देश सेवा के लिए अब सेना में भर्ती होना चाहता है. रवि ने कहा कि उनके पिता देश की आन-बान व शान के लिए शहीद हुये हैं.
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