हरियाणा विधानसभा चुनाव: बीजेपी ने दिया दो मुस्लिमों को टिकट, मेवात में भगवा फहराने का प्लान!
News18Hindi Updated: October 1, 2019, 9:52 AM IST

हरियाणा बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है
बीजेपी ने मेवात (Mewat) के दो मुस्लिमों (Muslim) को विधानसभा चुनाव में उतार दिया है. दोनों हाल ही में इनेलो छोड़कर हुए थे बीजेपी (BJP) में शामिल
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- Last Updated: October 1, 2019, 9:52 AM IST
नई दिल्ली. भाजपा (BJP) हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची (Bjp Candidate list) जारी कर दी है. इसमें दो मुस्लिमों को भी टिकट दिया है. ये दोनों नेता हरियाणा (Haryana) के मुस्लिम बहुल जिला मेवात (नूंह) से आते हैं. इसमें नूंह से जाकिर हुसैन और फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद शामिल हैं. जो हाल ही में इनेलो छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. जबकि पुन्हाना से निर्दलीय विधायक रहे रहीस खान को झटका लगा है. वो भी दौड़ में थे क्योंकि वो पांच साल से खट्टर सरकार के साथ थे. उनकी जगह नौक्षम चौधरी को टिकट दी गई है. वो हिंदू हैं. फिलहाल तो बीजेपी ने इन 2 टिकटों से यह मिथक तोड़ दिया है कि वो मुस्लिमों (Muslims) को कम टिकट देती है.
दरअसल, मेवात (Mewat) में इनेलो और कांग्रेस (Congress) का गढ़ तोड़ना बीजेपी के लिए इसलिए जरूरी था कि इतनी प्रचंड लहर के बावजूद इस क्षेत्र में पार्टी की दाल नहीं गल रही थी. यह इलाका कांग्रेस और इनेलो का गढ़ है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें जीत ली हैं, लेकिन जब इसका विधानसभावार समीक्षा की गई तो पता चला कि 11 सीटों पर पार्टी कांग्रेस व अन्य पार्टियों से पीछे थी. ये 11 सीटें मेवात और जाटलैंड की थीं. इसलिए पार्टी ने यहां के मुस्लिम विधायकों पर डोरे डालना शुरू किया था और इस रणनीति में कामयाब भी रही.

2014 में बीजेपी के पास अपनी 47 सीट है. लेकिन जींद जीतने के बाद उसके पास 48 विधायक हो गए. पार्टी ने 75 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा हुआ है. इसलिए उसने मुस्लिमों को भी टिकट देकर सबका साथ, सबका विकास का संदेश दिया है. मेवात के वरिष्ठ पत्रकार यूनुस अल्वी का कहना है कि नौकशाम चौधरी दलित समाज से आते हैं. इसलिए यहां के दलितों को बीजेपी आसानी से साध पाएगी.ये भी पढ़ें:
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दरअसल, मेवात (Mewat) में इनेलो और कांग्रेस (Congress) का गढ़ तोड़ना बीजेपी के लिए इसलिए जरूरी था कि इतनी प्रचंड लहर के बावजूद इस क्षेत्र में पार्टी की दाल नहीं गल रही थी. यह इलाका कांग्रेस और इनेलो का गढ़ है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें जीत ली हैं, लेकिन जब इसका विधानसभावार समीक्षा की गई तो पता चला कि 11 सीटों पर पार्टी कांग्रेस व अन्य पार्टियों से पीछे थी. ये 11 सीटें मेवात और जाटलैंड की थीं. इसलिए पार्टी ने यहां के मुस्लिम विधायकों पर डोरे डालना शुरू किया था और इस रणनीति में कामयाब भी रही.

मुस्लिम बहुल मेवात में कांग्रेस, इनेलो का वर्चस्व तोड़ने की बीजेपी ने बनाई रणनीति! (प्रतीकात्मक फोटो)
2014 में बीजेपी के पास अपनी 47 सीट है. लेकिन जींद जीतने के बाद उसके पास 48 विधायक हो गए. पार्टी ने 75 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा हुआ है. इसलिए उसने मुस्लिमों को भी टिकट देकर सबका साथ, सबका विकास का संदेश दिया है. मेवात के वरिष्ठ पत्रकार यूनुस अल्वी का कहना है कि नौकशाम चौधरी दलित समाज से आते हैं. इसलिए यहां के दलितों को बीजेपी आसानी से साध पाएगी.ये भी पढ़ें:
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First published: September 30, 2019, 5:29 PM IST
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