उमेश शर्मा/चंडीगढ़. हरियाणा में 13 साल पहले हुए वृद्धा पेंशन घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किए हैं. राज्य के इस पेंशन घोटाले का खुलासा 2011 में कैग की रिपोर्ट में हो चुका है. कैग की रिपोर्ट में कहा गया था कि यह करोड़ों रुपए का घोटाला है.
साल 2011 में कैग की रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें बड़ा खुलासा हुआ था और सामने आया था कि प्रदेश में मृत लोगों की वृद्धा पेंशन में घोटाला हुआ है. आरोप है कि 13 हजार से ज्यादा फर्जी पेंशन बांटी गई है. साल 2017 में में कुरुक्षेत्र के राकेश बैंस ने एक याचिका दाखिल की थी. याचिका में सीबीआई जांच की मांग की गई थी. आरोप है कि पूरे हरियाणा में मृत लोगों के नाम पर पेंशन हड़पी गई. इसके अलावा वृद्धा पेंशन के योग्य नहीं होने पर भी फर्जी पेंशन के कागज बनाए गए. याचिका में जिम्मेदार अधिकारियों पर कारवाई की मांग भी की गई थी.
सीबीआई को जांच के लिए मिला 2 महीने का समय
वृद्धा पेंशन को लेकर जो कैग की रिपोर्ट सामने आई थी. उसमें साफ तौर पर दिखाया गया था कि मृत लोगों के नाम पर लगातार पेंशन जाती रही है. हालांकि सवाल यह उठ रहे थे कि आखिर जब लोग इस दुनिया में ही नहीं है, तो फिर पेंशन कहां जा रही थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सीबीआई को जांच के लिए दो महीने का समय दिया है.
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